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प्रिंटिंग मशीन बनाने वाले उद्योगपति नए कारोबार में उतर रहे

Admin Delhi 1
21 April 2023 3:00 PM GMT
प्रिंटिंग मशीन बनाने वाले उद्योगपति नए कारोबार में उतर रहे
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हिसार न्यूज़: बदलते दौर में प्रिंटिंग मशीन बनाने वाले उद्यमी नए-नए उद्योग-धंधों में हाथ डाल रहे हैं. इसकी वजह डिजिटल दौर में प्रिंटिंग का कारोबार पहले के मुकाबले थोड़ा सिकुड़ गया है. भविष्य की योजनाओं के मद्देनजर प्रिंटिंग मशीन से जुड़े उद्यमियों ने यह बदलाव किया है.

फरीदाबाद के बल्लभगढ़ इलाके में प्रिंटिंग मशीन का बड़ा केंद्र रहा है. एक समय में इस उद्योग से जुड़ी करीब 30 बड़ी कंपनियां थीं. लेकिन कोविड के दौर मशीनों के कारोबार में गिरावट आई है. अब पहले के मुकाबले स्थिति सुधर गईं हैं. फिर भी कुछ श्रेणी में अभी भी ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं.

अब शहर में पांच-छह कंपनियां ही प्रिंटिंग मशीन के कारोबार में फल-फूल रही हैं. इसे देखते हुए प्रिंटिंग मशीनों से जुड़े उद्योगों ने प्रिंटिंग मशीन के अलावा दूसरे उद्योग-धंधों में पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं.

शहर की सबसे बड़ी प्रिंटिंग प्रेस बनाने वाली कंपनी द प्रिंटर हाउस प्राइवेट लिमिटेड ने अब प्रिंटिंग मशीन के साथ-साथ दूसरे उद्योगों में भी हाथ आजमाने शुरू कर दिए हैं. अब यह कंपनी रक्षा उद्योग क्षेत्र में उतर गई है. यहां कंपनी अब लड़ाकू जहाज के पार्ट भी बना रही है. इसके साथ-साथ सौर ऊर्जा में भी बड़ी संभावनाएं हैं.

कंपनी ने सौर ऊर्जा में भी काम शुरू कर दिया है. उद्यमी इसे प्रिंटिंग मशीन उद्योग में बड़े बदलाव के तौर पर देख रहे हैं. उनका मानना है कि किसी भी उद्योग को समय के अनुसार बदलाव करने पड़ते हैं. प्रिंटिंग मशीन उद्योग में भी कोविड के बाद से बदलाव का दौर शुरू हो गया था. प्रिंटिंग मशीन से जुड़े उद्यमी पैकेजिंग मशीन के कारोबार में ज्यादा जा रहे हैं. पैकेजिंग मशीन प्रिंटिंग मशीन से मिलता-जुलता उद्योग है. वहीं, विभिन्न उत्पादों को पैक करने के लिए प्रत्येक उद्योग को पैकेजिंग की जरूरत है. इसे देखते हुए पैकेजिंग मशीन बनाने का उद्योग संभावनाओं से भरा है.

द प्रिंटर हाउस अभी भी प्रिंटिंग मशीन बना रहा है. मशीनों की कई श्रेणियां हैं. समाचार पत्र श्रेणी में मशीनों की मांग में कमी आई है. कोई भी उद्योग अपना विकास करता है. हमारे यहां भी रक्षा उद्योग, सौर ऊर्जा पर काम शुरू हो गया है.

-नेत्रपाल, महाप्रबंधक, दा प्रिंटर हाउस प्राइवेट लिमिटेड

पहले निर्यात की संभावनाएं ठीक-ठाक थीं, लेकिन मशीनों पर जीएसटी ज्यादा है. ऑर्डर दिलाने वाली फर्म को भी कमीशन देना पड़ता है. कोविड के बाद डिजिटल का प्रभाव बढ़ा है. हम पैकेजिंग में संभावनाएं तलाश रहे हैं.

-निजाम अहमद, एचएम वेब हाउस प्राइवेट लिमिटेड

कोविड के बाद से इस उद्योग में बदलाव आया है. कई उद्यमी तो अपना कारोबार ही बंद कर कर प्रॉपर्टी तो कुछ पैकेजिंग मशीन के कारोबार से जुड़े हैं. हम भी पैकेजिंग कारोबार में संभावनाएं तलाश रहे हैं. ताकि कारोबार की रफ्तार कायम रहें.

-आदित्य गुप्ता, निदेशक, रोनाल्ड वेबऑफसेट, सेक्टर-58

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