हरियाणा

आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी

Admin Delhi 1
25 Sep 2023 5:30 AM GMT
आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी
x
आधे-अधूरे संसाधनों के साथ हो रही खानापूर्ति

फैजाबाद: प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पतालों में अग्निशमन की व्यवस्था के लिए जहां एक ओर विभाग काफी गंभीर दिख रहा है वहीं सरकारी अस्पतालों बेपरवाह हैं. मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत सीएचसी-पीएचसी पर आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम न होने से यहां पहुंचने वाले मरीजों की जान भगवान भरोसे है. आए दिन हो रही तमाम घटनाओं से भी जिम्मेदार सबक न लेकर किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं. कानपुर में 20 सितम्बर को हुए हादसे के बाद भी आज कोई हरकत नहीं दिखाई दी.

अस्पतालों में आने वाले मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी सरकार गंभीर रहती है. इसके लिए 212 बेड के जिला अस्पताल में वर्ष 2021 में ही करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अग्निशमन व्यवस्था करने की शुरुआत की गई थी. कार्यदाई संस्था नामित होने के बाद धनराशि भी अवमुक्त हुई, लेकिन कार्य काफी विलंब से शुरू हुआ. मौजूदा समय में भी वह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है.

आग से बचाव उपकरण पर धूल की परतेंहालात यह है कि अस्पताल परिसर में कहीं-कहीं पोर्टेबल फायर एक्सटिंग्विशर लगे हैं, जिन पर भी धूल जमी है. भूमिगत व टेरिस टैंक आदि नदारद हैं. वायरिंग के लिए पाइप तो अस्पताल परिसर में जगह-जगह दौड़ाई गई है, लेकिन वह भी कनेक्शन के अभाव में निष्प्रयोज्य है. कमोवेश यही हालत राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शननगर के अस्पताल की भी है.

इस अस्पताल में इन दिनों मरीजों का हुजूम उमड़ता है, लेकिन तीन सौ बेड के पुराने भवन में आग से बचाव के लिए खानापूर्ति ही है. बीते दिनों आईसीयू में शार्ट सर्किट से आग लगने के कारण कराई गई फायर ऑडिट में तमाम खामियां मिली थीं. होजरील, लैंडिंग वॉल्ब, फायर कंट्रोल पैनल, फायर अलार्म व स्मोक डिटेक्टर अक्रियाशील मिला था. टेरिस पर पाइप लाइनें बिछाई गई थीं, लेकिन टैंक व पंप और भूमिगत टैंक स्थापित नहीं मिला. इन कमियों को चिह्नित करके दूर करने के लिए उसी समय दिशा-निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक वह कमियां दूर नहीं हो सकीं. भी परिसर का नजारा पूर्व की तरह ही दिखाई पड़ा. अफसर के पास भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं है.

Next Story