Haryana News: हरियाणा की मनोहर सरकार अनाथ व बेसहारा बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि इन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का अवसर मिल सकें। इसके लिए सरकार ने हरिहर योजना बनाई है, जो ऐसे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।
क्या है हरिहर योजना
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि हमारी सरकार ने अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के लिए हरिहर योजना शुरू की है, जिसके तहत बाल गृह में आने वाले ऐसे सभी बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 साल की आयु पूरी करने के बाद ऐसे युवाओं को सरकार सीधे एक्सग्रेसिया पॉलिसी में कवर करेगी और ग्रुप C और ग्रुप D की नौकरी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें किसी तरह की परीक्षा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसे युवा ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट करते हैं तो वे ग्रुप A और ग्रुप B की नौकरी के भी हकदार होंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें लिखित परीक्षा पास करनी होगी। ऐसे सभी युवाओं को सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की कैटेगरी में रखेगी और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाएगा।
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि नौकरी के बाद संबंधित युवा या युवती की शादी होने तक उनकी सैलरी बैंक खाते में जमा होगी। अगर उसे आगे की पढ़ाई जारी रखनी है या और कोई ट्रेनिंग/कोचिंग लेनी है तो वह खाते से 20 प्रतिशत तक पैसा ही निकलवा सकेगा। जबकि बाकी का पैसा उसे एक साथ उनके विवाह के मौके पर मिलेगा।