एक साथ बैठकर भोजन करेंगे तो बनेंगी अद्भुत यादें बांटेंगे खुशियां
चंडीगढ़ न्यूज़: पहले संयुक्त परिवारों में जमीन पर एक साथ बैठकर भोजन करने की परम्परा थी जो एकजुटता व खुशियां बढ़ाती थी लेकिन अब पूरे परिवार का एक साथ भोजन करना दुर्लभ बात हो गई है. इसकी दो वजह हैं, एक परिवार अब एकल हो गए हैं. दूसरा परिवार के सदस्यों की व्यस्तताएं इतनी बढ़ गई हैं कि वे एक-दूसरे के साथ बैठकर भोजन करने का समय नहीं निकाल पाते. खुशियों का मूलमंत्र यही है कि पूरा परिवार साथ बैठकर कम के कम एक वक्त का खाना खाए. इसके पीछे प्रसन्नता और सम्मान की अवधारणा जुड़ी है. जानिए कैसे एक साथ बैठकर भोजन करने से परिवार में खुशियां बढ़ती हैं.
पितृसत्तात्मक सोच बदलेगी
परिवार का गुणवत्तापूर्ण समय
यदि माता-पिता व्यस्त हैं और उनके पास अपने बच्चों के साथ बिताने के लिए हमेशा खाली समय नहीं है, तो एक परिवार के रूप में एक साथ खाने की आदत डालें. परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का यह एक अच्छा तरीका है और अपने बच्चों को दिखाएं कि आप एक वास्तविक परिवार हैं. यह समय परिवार के लिए बहुमूल्य होता है. कई बातों से समाधान निकलते हैं और घर में सकारात्मकता आती है.
पहले देखा जाता था कि परिवार जब साथ बैठकर खाना खाता था तो महिलाएं उस समय भोजन परोसती थीं. पुरुष सदस्यों के भोजन करने के बाद महिलाएं खाना खाती थीं. खाने की टेबल पर पितृसत्तात्मक सोच हावी नजर आती थी. हालांकि अब इस स्थिति में थोड़ा परिवर्तन आया है. महिला सदस्य भी पूरे परिवार के साथ बैठकर भोजन करने लगी हैं. यह भी परिवार में खुशियों का आधार बना है.
यह समय नहीं भूलेंगे
जब आपके बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे उस मजेदार और बहुमूल्य पारिवारिक भोजन के समय को कभी नहीं भूलेंगे. उन्हें पता चलेगा कि एक परिवार के रूप में एक साथ भोजन करना कितना महत्वपूर्ण है, और निश्चित रूप से वे अपने बच्चों को भी ऐसा करना सिखाएंगे. एक परिवार के रूप में एक साथ भोजन साझा करने की आपकी पारिवारिक परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली जाएगी.
बच्चे् सम्मान करना सीखेंगे
मनोविज्ञानियों के अनुसार आमतौर पर बच्चे जब भोजन करते हैं तो अक्सर मां के साथ ही करते हैं. ऐसे में उनके लिए मां की महत्ता पिता से ज्यादा हो जाती है. क्योंकि वह हमेशा उनके साथ भोजन करने का समय निकालती है जबकि पिताजी हर समय व्यस्त रहते हैं. जब आप हर दिन एक परिवार के रूप में साथ भोजन करते हैं, तो बच्चे माता-पिता दोनों का सम्मान करना सीखते हैं.
एक दूसरे से बात
आप दिन में एक-दूसरे से बात कर सकते हैं, लेकिन सोचिए कि आप कितनी बार एक परिवार के रूप में एक साथ इकट्ठा होते हैं ताकि आप बात कर सकें? एक साथ भोजन करना एक दूसरे को देखने और बात करने का एक शानदार अवसर है. बस सुनिश्चित करें कि आप कोई बुरी खबर साझा न करें. कुछ प्रेरक बातों, स्वस्थ आदतों पर चर्चा करें. फैमिली ट्रिप की योजना बनाएं. इस तरह बच्चे हमेशा भोजन के समय को सकारात्मक बातचीत व स्वादिष्ट भोजन से जोड़ेंगे.