हिसार न्यूज़: नॉलेज इज पावर एंड नॉलेज इज स्ट्रेंथ को आधार मानकर वर्ष 1970 में केएल मेहता ने एनएच तीन में केएल मेहता दयानंद महिला कॉलेज की नींव रखी थी. बीते 52 साल में छात्राओं की ज्ञानशक्ति की मजबूती ही इस कॉलेज का आधार बनी.
एनएच इलाकों के बीच करीब पांच एकड़ में बने महाविद्यालय में कम खर्च में अच्छी पढ़ाई, महिला सशक्तीकरण पर जोर, पूरी सुरक्षा के कारण शहर के कॉलेजों में केएल मेहता दयानंद महिला कॉलेज को विशेष मुकाम दिलाता है. फिलहाल इस कॉलेज में 3117 छात्राएं अध्ययनरत हैं.
कॉलेज की संरक्षक रही डॉ. विमला मेहता ने इस कॉलेज को लोकप्रियता के शिखर तक पहुंचाया. मात्र 15 छात्राओं के साथ कला संकाय के पाठ्यक्रम के साथ की गई शुरुआत अब सभी संकायों के साथ विस्तृत रूप ले चुकी है. कॉलेज में साइंस की शिक्षा देने के लिए विशेष इंतजाम हैं. वहीं कंप्यूटर शिक्षा के लिए कंप्यूटर लैब भी हैं.
छात्राओं के लिए वुमेन सेल
महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने और रोजगार के लिए अवसर प्रदान के उद्देश्यों को लेकर कॉलेज का वूमेन सेल सक्रिय है. समय-समय पर छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए क्विज, पोस्टर मेकिंग, ग्रुप डिस्कशन, एजुकेशन टूर आदि किए जाते है. प्रायोगिक शिक्षा देने के लिए भौतिकी, रसायन शास्त्रत्त्, बायोटेक्नोलॉजी, बॉटनी, जूलॉजी की प्रयोगशालाएं हैं.
ये कोर्स उपलब्ध
एमए-अर्थशास्त्रत्त्, एमए-राजनीतिक शास्त्रत्त्, एमकॉम, एमएससी-गणित, एमएससी-रसायन विज्ञान, एमएससी-कंप्यूटर साइंस, बीबीए, बीसीए, बीकॉम कंप्यूटर साइंस, बीकॉम पास, बीए, बीएससी, बीएससी मेडिकल, बीएससी नॉन मेडिकल,बीएससी बायोटेक,बीएससी होम साइंस-आदि में करीब 1170 सीटें हैं, जिन पर दाखिले हो सकेंगे.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार कॉलेज में नई शिक्षा नीति लागू करने पर जोर रहेगा. महिला सशक्तीकरण के मद्देनजर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं.
- आनंद मेहता, चेयरमैन, केएल मेहता दयानंद शैक्षणिक संस्था