हरियाणा

हिमालयन क्षेत्रों से चलने वाली बर्फीली हवाएं हरियाणा में सर्दी बढ़ाएंगी

Shantanu Roy
25 Nov 2021 8:06 AM GMT
हिमालयन क्षेत्रों से चलने वाली बर्फीली हवाएं हरियाणा में सर्दी बढ़ाएंगी
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हरियाणा में सर्दी (Haryana Winter) लगातार बढ़ती जा रही है. आज हरियाणा का तापमान (Haryana Temperature) 6 डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम रहा. इसके साथ ही सुबह शाम धुंध भी बढ़ने लगी है,

जनता से रिश्ता। हरियाणा में सर्दी (Haryana Winter) लगातार बढ़ती जा रही है. आज हरियाणा का तापमान (Haryana Temperature) 6 डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम रहा. इसके साथ ही सुबह शाम धुंध भी बढ़ने लगी है, जिससे विजिबिलिटी भी कम होती जा रही है. हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल खीचड के अनुसार हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 27 नवम्बर तक खुश्क बने रहने की संभावना है. इस दौरान राज्य में पाश्चिमी व उत्तर पाश्चिमी हवाएं चलने से रात को तापमान में हल्की गिरावट और कहीं-कहीं अलसुबह हल्की धुंध भी संभावित है.

मौसम विभाग के मुताबिक (Haryana Weather department) आने वाले सप्ताह के अंत तक शीत लहर हरियाणा में पहुंच सकता है. ऐसे में दिसंबर की शुरुआत होते ही प्रदेश के उत्तरी और उत्तरी दक्षिण इलाकों में सुबह के समय कड़ाके की सर्दी देखी जाएगी. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है.हरियाणा मौसम विभाग (Haryana Weather Department) के अनुसार इस अरब सागर हो या बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवा हरियाणा तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं. हिमालय क्षेत्रों से चलने वाली बर्फीली हवाएं हरियाणा में सर्दी (Haryana winter temperature) बढ़ाएंगी. ऐसे में कई जिलों में सुबह का तापमान 10 से 12 डिग्री तक पहुंच जाता है, जोकि दोपहर तक 24 से 28 डिग्री तक पहुंच जाता है. मौसम के इस प्रभाव की वजह से राज्य के सभी जिलों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है. कई राज्यों में दो हालात बेहद खतरनाक हैं और एयर क्वालिटी इंडेक्स 3 50 के लगभग है.
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.


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