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हरियाणा का सरकारी स्कूल डिजिटल बोर्ड से लेकर CCTV कैमरा तक हुआ सब हाइटेक

Kunti Dhruw
19 April 2022 12:53 PM GMT
हरियाणा का सरकारी स्कूल डिजिटल बोर्ड से लेकर CCTV कैमरा तक हुआ सब हाइटेक
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सरकारी स्कूल की जब भी बात आती है तो साधारण सी बिल्डिंग और सादे से कपड़े वाले छात्र ही जेहन में आते हैं.

कैथल. सरकारी स्कूल की जब भी बात आती है तो साधारण सी बिल्डिंग और सादे से कपड़े वाले छात्र ही जेहन में आते हैं. लेकिन अब यह छवि धीरे धीरे बदल रही है. हरियाण में एक सरकारी स्कूल ऐसा है,​ जो निजी स्कूलों को भी मात देता है. कैथल के गांव सौंगरी में स्थित यह सरकारी स्कूल तमाम तरह की सुविधाओं से युक्त है, जिसे एक बारगी देखने पर कहा जा सकता है कि यह बच्चों के लिए परफेक्ट जगह है. बच्चों की यूनिफॉर्म से लेकर स्कूल के गार्डन तक सब कुछ एक उदाहरण प्रस्तुत करता है.

स्कूल ने ना सिर्फ ढांचे को बल्कि शिक्षा को भी मजबूत किया है. यहां हर साल 90 प्रतिशत से अधिक हर क्लास का रिजल्ट आता है. बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ प्रैक्टिल नॉलेज दिया जाता है ताकि उनकी लर्निंग बेहतर हो और उन्हें लम्बे समय तक बातें याद रहें. नई तकनीक को देखते हुए स्कूल में डिजिटल बोर्ड और वीडियो लेक्चर के जरिए पढ़ाया जाता है.यह स्कूल सभी तरह की बेहतर सुविधा देता है ऐसे में गांव के आस पास के बच्चे भी यहां पढ़ने आते हैं. इसके अलावा स्कूल टीचर्स और अन्य स्टाफ के बच्चे भी यहीं शिक्षा ग्रहण करते हैं. यहां पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि स्कूल में प्राइवेट स्कूल जैसी सारी सुविधाएं हैं. यहां पढ़ने में उन्हें आनंद मिलता है. सरकारी स्कूल होने के नाते यहां का फीस स्ट्रक्चर भी काफी कम है, जिससे लोगों को प्राइवेट स्कूल की मोटी फीस नहीं देनी पड़ती है.
स्कूल में साफ सफाई को लेकर भी काफी ध्यान रखा गया है ताकि बच्चे स्वच्छता का पाठ भी पढ़ सकें. स्कूल में सभी जगहों पर डस्टबीन लगाए गए हैं. इसके अलावा स्कूल की दीवारों को खूबसूरत पेंटिंग्स से सजाया गया है. स्कूल में सुरक्षात्मक दृष्टि से सीसीटीवी कमरे लगे हैं. स्कूल में हर जगह साइन बोर्ड लगे हैं ताकि बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को दिक्कत ना हो. लड़कियों के बाथरूम में सेनेट्री पैड को नष्ट करने वाली मशीन भी लगाईं गई है ताकि उन्हें कोई असुविधा ना हो स्कूल में साइंस लैब से लेकर कंप्यूटर लैब व आधुनिक लाइब्रेरी तक की सुविधा बच्चों को दी गई हैं.स्कूल के कार्यकारी प्रिंसिपल कुलदीप के अनुसार ये सरकारी स्कूल 2016 में बिलकुल साधारण था. बाद में स्टॉफ ने मेहनत की और विभाग व पंचायत की मदद से स्कूल को एक उत्तम श्रेणी में लाने में मदद मिली.


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