प्राकृतिक खेती समय की मांग है. पारंपरिक कृषि (Traditional and ौाNatural Farming) में कीटनाशकों जैसे रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग होने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ इनसे मानव स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे जहरयुक्त खान-पान से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां मानव शरीर को प्रभावित करने लगी हैं. यह बात महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौर ने कही. वह चौधरी चरण सिह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कृषि मेला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (Lala Lajpat Rai Animal University Hisar) के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा और महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय (एमएचयू)के कुलपति प्रो. समर सिंह विशिष्ट अतिथि थे जबकि अध्यक्षता एचएयू के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की.