हरियाणा हाईकोर्ट ने नारनौल तहसीलदार को नहीं मिली अग्रिम जमानत
गुडगाँव: हरियाणा के नारनौल में हुए प्रॉपर्टी आईडी घोटाले में अब तत्कालीन तहसीलदार विकास कुमार भी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की रडार पर हैं। तहसीलदार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (HC) में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जिसे आज हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। तहसीलदार काे पहले लोवर कोर्ट में जाने के लिए कहा है।
वहीं इस मामले में एसीबी ने नगर निगम के एक रजिस्ट्ररी क्लर्क को भी पकड़ा है। उसे आज कोर्ट में पेश किया गया, जहां सुनवाई के बाद उसे दो दिन के रिमांड पर भेजा गया है। इस मामले में र निगम के जेई व दो प्रॉपर्टी डीलरों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दे कि गुरुग्राम एसीबी ने गत दिनों नारनौल में रेड कर बहरोड रोड पर एक अनधिकृत 1200 गज जमीन की एनओसी बनाने व उस जमीन की एनओसी से प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अनेक रजिस्ट्री करवा लिए जाने के मामले में नगर परिषद के एक जेई विकास कुमार व दो प्रॉपर्टी डीलरों अमीष संघी तथा विनय कुमार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एसीबी ने इन तीनों को 2 दिन के रिमांड पर लिया था।
ब इस मामले में रजिस्ट्री क्लर्क रामचंद्र को भी एसीबी ने गिरफ्तार किया है। वहीं रिमांड के दौरान इस मामले में कई अन्य लोगों व तत्कालीन तहसीलदार विकास कुमार का भी नाम सामने आया था। इसके बाद से कई लोग शहर से फरार भी हैं। वहीं इस मामले में तहसीलदार विकास कुमार ने अपना नाम सामने आने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर पहले लोवर कोर्ट में जाने के लिए कहा है।