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किसानों के लिए हरियाणा सरकार लाई नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023

Shreya
8 July 2023 9:46 AM GMT
किसानों के लिए हरियाणा सरकार लाई नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023
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चंडीगढ़। गुरुग्राम जिले की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गांवों की जमीन अधिग्रहण के मामले में किसानों/भूमि मालिकों को भी बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार नो लिटिगेशन पॉलिसी- 2023 लेकर आई हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित किसानों और भूमि मालिकों को भरोसा दिलाया था कि वे इस मामले का कानूनी तरीके से समुचित हल निकालेंगे। 9 अगस्त, 2022 को हरियाणा विधानसभा सत्र में भी मुख्यमंत्री ने इस विषय के समाधान को लेकर आश्वसत किया था।

अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्य सरकार ने 'नो लिटिगेशन पॉलिसी -2023' तैयार की है। जिसमें किसानों और भूमि मालिक अधिग्रहीत प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1000 वर्ग मीटर के बराबर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड लेने के पात्र होंगे।

गौरतलब है कि तत्कालीन राज्य सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के विकास के उद्देश्य से 10 जनवरी, 2011 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत जिला गुरुग्राम की मानेसर तहसील के गांवों कासन, कुकरोला और सेहरावां में लगभग 1810 एकड़ जमीन को अधिसूचित किया था।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और कोर्ट ने उपर्युक्त अधिग्रहण कार्यवाही पर रोक लगा दी। हालांकि, न्यायालय द्वारा दिया गया स्टे 2 दिसंबर, 2019 को हटा दिया गया। उसके बाद उक्त भूमि को 17 अगस्त, 2020 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 6 के तहत अधिसूचित किया गया और बाद में 8 अगस्त, 2022 को अवार्ड की घोषणा की गई थी। नो लिटिगेशन पॉलिसी के तहत किसानों को कई प्रकार के लाभ दिए गए हैं।

किसानों/भूमि मालिकों को पॉलिसी की अधिसूचना और पोर्टल के लॉन्च होने से 6 महीने की अवधि के भीतर इस योजना का विकल्प चुनने का अधिकार होगा। भूमि मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिए एचएसआईआईडीसी योजना के बंद होने से 3 महीने की अवधि के भीतर भूमि पात्रता प्रमाण पत्र (लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट) जारी कर सकता है।

लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट बेचने की स्वतंत्रता होगीः

इस नीति में भूमि मालिकों या लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट धारकों को लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का व्यापार करने, खरीदने या बेचने की भी स्वतंत्रता दी गई है। भूमि मालिक ओपन मार्केट में लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है।

एचएसआईआईडीसी द्वारा ऑफर किए जाने वाले प्लॉट का आकार विकसित आवासीय उपयोग के लिए 100 वर्ग मीटर और 150 वर्ग मीटर तथा विकसित औद्योगिक उपयोग के लिए 450 वर्गमीटर होगा। भूमि मालिक 33 वर्ष की अवधि के लिए प्रदान किए जा रहे वार्षिकी भुगतान का लाभ उठाने का भी हकदार होगा। वार्षिकी भुगतान (एन्युटी पेमेंट) 33 वर्ष की अवधि के लिए 21,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा। इस वार्षिकी राशि में हर साल 750 रुपए की एक निश्चित राशि से वृद्धि की जाएगी।

लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट के बाय बैक का भी प्रावधानः

इस नीति में सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को बाय बैक का भी विकल्प दिया है। इसके तहत, भूमि मालिक व लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट धारक एचएसआईआईडीसी से वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं।

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