फरीदाबाद न्यूज़: जिले में साइबर ठगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पलवन में साइबर ठगी के चार मामले प्रकाश में आए. बेखौफ साइबर ठगों ने चार लोगों को शिकार बनाया. अलग अलग पैंतरेबाजी से लोगों को अपने में झांसे में लिया और उनसे ठगी कर ली.सभी मामलों में साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
साइबर थाना इंचार्ज सत्यनारायण ने बताया कि पुलिस ने सभी मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरूकर दी है. पुलिस साइबर ठगों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाती है. लोग साइबर ठगों के झांसे में न आएं और अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी को भी न दें.
गांव भिडूकी निवासी संजय ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि संजय ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उसे एक गाय खरीदनी थी तो उसने 47 हजार रुपये अनिल निवासी लक्ष्मणगढ़ राजस्थान के खाते में डाल दिए. इसके अलावा 95 सौ रुपये अन्य अन्य खाते में डाल दिए. उक्त लोगों ने उसे गाय नहीं दी और ना ही उसके रुपये लौटाए. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
इस्लामाबाद निवासी ज्ञान ने बताया कि गत 19 दिसंबर को वह अपने दोस्त दीपक के साथ दुकान से फाइनेंस पर सामान लेने गया था. दुकान पर बजाज का फाइनेंसर मिला तो उसने एक वाशिंग मशीन और फोन फाइनेंस करवा लिया. उसका फोन खराब होने के कारण उसके दोस्त दीपक ने उसकी आईडी के साथ अपना नंबर जुड़वा लिया. बाद में उसने उसकी आईडी के आधार पर ऑनलाइन एक घड़ी जिसकी कीमत छह हजार रुपये और एक फोन जिसकी कीमत 17 हजार रुपये थी मंगवा लिए. सामान की डिलीवरी देने के लिए उसके पते पर डिलीवरी देने वाला पहुंचा लेकिन पता चला कि उसके दोस्त दीपक ने ये सामान मंगवाया था. आरोपी ने उसके साथ धोखाधडी की है.
गांव घोडी निवासी दीप्ती पुत्री पंकज ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि गत 19 फरवरी को उसके पास एक फोन आया और उसने उसे कहा कि आपके पिता के एलआईसी के रुपये खाते में भेजने हैं. इसी दौरान तीन बार में बीस बीस हजार रुपये उसके खाते से कट गए. उसके खाते से कुल साठ हजार रुपये साइबर ठगों ने ठग लिए. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
सेक्टर दो निवासी तमन्ना पुत्री सोहराब ने बताया कि वह एलआईसी का काम करती है. गत 14 मार्च को उसके फोन पर एक फोन आया और कहा कि एक पॉलिसी करवानी है और वह पॉलिसी के रुपये भेज रहा है. उसके फोन पर दस हजार व बीस हजार रुपये भेज दिए. रुपये भेजने का मैसेज उसके पास आया. लेकिन जब खाते चेक किए तो रुपये नहीं थे. उसने तुरंत कॉल कर बताया कि रुपये नहीं आए. आरोपी ने कहा कि नेटवर्क के कारण रुपये नहीं दिख रहे होंगे. उसने जो ज्यादा रुपये भेेजे हैं उसे वापस भेज दो. पीडिता ने उसके खाते में छह हजार रुपये भेज दिए. बाद में ठगी का पता चला.