हिसार न्यूज़: डिजाइन की मंजूरी न मिलने से एक रेलवे ओवर ब्रिज और दो फुटओवर ब्रिज(एफओबी) का निर्माण कार्य अटका हुआ है. लकड़पुर, मेवला महाराजपुर रेलवे फाटक पर बनने वाले दोनों एफओबी का तो शिलान्यास भी हो चुका है. फिर भी डिजाइन की वजह से इनका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है.
मेवला महाराजपुर रेलवे फाटक पर तीन करोड़ 34 लाख रुपये की लागत से स्टेनलेस स्टील का एफओबी बनाया जाना है. 19 मार्च को इसका शिलान्यास भी हो गया था. लेकिन डिजाइन मंजूर न होने के कारण इसका निर्माण कार्य अटका हुआ है. यह उत्तर रेलवे का पहला स्टेनलेस स्टील का फुट ओवर ब्रिज है. यदि एक बार इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाए तो छह माह के अंदर इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इस फाटक से गुजरने वाले लोग आए दिन ट्रेन की चपेट में आते रहते हैं. इस कारण रेलवे ने डेढ़ वर्ष पहले यहां पर फुट ओवर ब्रिज बनाने की योजना तैयार की थी.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि डिजाइन मंजूरी एक जरूरी प्रक्रिया है, इसके बिना काम शुरू नहीं हो सकेगा. इस चक्कर में कोई परियोजना नौ माह से अटकी है तो किसी का कार्य डेढ़ साल से लटका हुआ है.
इसके बावजूद अभी भी इन परियोजनाओं के शुरू होने की कोई समय-सीमा नजर नहीं आ रही है. जबकि इन रेलवे फाटकों पर हर माह ट्रेन की चपेट में आकर लोगों की मौत हो रही हैं.
रेलवे फुटओवर ब्रिज पर डेढ़ करोड़ खर्च होंगे
लकड़पुर रेलवे फाटक पर 2020 में फुटओवर ब्रिज मंजूर हुआ था. इस फुटओवर ब्रिज पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होने हैं. इससे पहले यहां पर रेलवे अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव था, लेकिन जगह न मिलने के कारण रेलवे को यहां एफओबी मंजूर करना पड़ा. इस साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं, लेकिन डिजाइन मंजूर न होने के कारण रेलवे इसका काम शुरू नहीं कर पा रहा है.
प्याला ओवरब्रिज का टेंडर नहीं हो पा रहा
प्याला रेलवे फाटक पर गत वर्ष अगस्त माह में रेलवे ओवर ब्रिज मंजूर हुआ था. इससे पहले यहां रेलवे अंडरपास बनना था. लेकिन गैस पाइप लाइन न हटाए जाने के कारण रेलवे को रेलवे अंडरपास का प्रस्ताव रद्द करना पड़ा था. अब रेलवे यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाएगा. इस पर 30 करोड़ रुपये की लागत आएगी. रेलवे ने इस रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का टेंडर शुरू करने से पहले डिजाइन तैयार कर मंजूरी के लिए रेलवे कार्यालय में भेजा हुआ है