रेवाड़ी न्यूज़: अरावली को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के खात्मे के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने योजना तैयार की है. ट्रायल के लिए छह जिलों में पांच अलग-अलग मोबाइल यूनिट लगाने की योजना तैयार की है. योजना में मानेसर नगर निगम को भी शामिल किया गया है.
मानेसर एरिया मे अधिकतर क्षेत्र अरावली को छूता हुआ है. इस कारण यहां प्लास्टिक के निस्तारण, कचरे से खाद बनाने की मोबाइल यूनिट, कचरे से निकलने वाले ज्वलनशील पदार्थों को बिना प्रदूषण किए जलाने और मृत पशुओं के शव को जलाने के लिए मशीनें लगाई जाएंगी. इन यूनिट को लगाने के लिए कितनी जमीन और कितना बजट लगेगा इसको लेकर विभाग द्वारा सर्वे करवाया जाएगा.
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने छह सदस्यीय अधिकारियों की एक टीम का गठन किया है. टीम को अगले 15 दिनों में यह सर्वे रिपोर्ट मुख्यालय को देनी है. मानेसर निगम में यह यूनिट लगने से यहां कचरे व मलबे के ढेरों को समाप्त किया जा सकेगा. वहीं काफी जगहों पर लगे कचरे के ढेरों को खाद में बदला जा सकेगा. विभाग की इस योजना से पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा. वहीं हर साल प्रदूषण के शहरों में शूमार रहने वाले गुरुग्राम को काफी राहत भी मिल सकती है.
जुर्माना राशि का इस्तेमाल होगा
पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) द्वारा अलग-अलग मामलों पर विभिन्न नगर निगमों पर जुर्माना लगाया जाता है. इस जुर्माना राशि का प्रयोग सरकार पर्यावरण के सुधार में ही कर सकती है. इसलिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस जुर्माना राशि का प्रयोग करने के लिए यह पर्यावरण सुधार की योजना तैयार की है. यह राशि हरियाण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा होती है.
मृत पशुओं के अवशेष नष्ट होंगे
अरावली और पर्यावरण के संरक्षण के मद्देनजर फरीदाबाद नगर निगम मृत पशुओं का आधुनिक तकनीक से युक्त संयंत्र लगाएगा. इसमें मृत पशुओं का भस्मीकरण किया जा सकेगा. इसके लिए नगर निगम ने प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा हुआ है. जबकि कूड़े से बिजली बनाने के लिए संयंत्र बंधवाड़ी में लगाने की प्रक्रिया जारी है. अन्य प्लास्टिक के टुकड़े करने या खाद बनाने का काम इकोग्रीन को करना है.
यहां किया जाना है सर्वे
अरावली में पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए पांच यूनिट लगाई जानी है. इसके सर्वे के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही योजना पर आगे काम किया जाएगा.
-यशपाल यादव, निदेशक, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, पंचकूला
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस योजना को सभी नगर निगमों में लागू करने से पहले ट्रायल के तौर छह जिलों में इसका सर्वे करवाया जा रहा है. इसके लिए अधिकारियों की भी इस सर्वे में ड्यूटी लगाई है. इसमें यमुनानगर में अधीक्षण अभियंता हेमंत, अंबाला निगम में कार्यकारी अभियंता मंदीप सिंह, नारनौल में कार्यकारी अभियंता सुंदर श्योराण, पंचकूला में अप्रूवा चौधरी डीएमसी को जिम्मेदारी सौंपी है.