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फर्जी बिल्डिंग प्लान देने में माहिरा बिल्डर पर एफआईआर दर्ज होगी

Admin Delhi 1
1 July 2023 4:54 AM GMT
फर्जी बिल्डिंग प्लान देने में माहिरा बिल्डर पर एफआईआर दर्ज होगी
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गुडगाँव न्यूज़: महिरा बिल्डर पर सेक्टर-88बी में किफायती आवासीय योजना के दो प्रोजेक्ट का बिल्डिंग प्लान लेने के लिए फर्जी दस्तावेज देने का आरोप है. इस फर्जीवाड़े पर कड़ा संज्ञान लेते हुए नगर योजनाकार विभाग के महानिदेशक ने माहिरा होम्स बिल्डर, सहयोगी कंपनी, हस्ताक्षर के लिए अधिकृत व्यक्ति और संबंधित आर्किटेक्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही लाइसेंस की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है.

नगर योजनाकार विभाग के महानिदेशक टीएल सत्य प्रकाश की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि माहिरा बिल्डर ने वर्ष 2022 में 10 एकड़ के प्रोजेक्ट में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) से बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति लेने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए. इससे पहले भी बिल्डर ने विभाग को फर्जी बैंक गारंटी भी दी थी. मई 2022 में उसके सभी प्रोजेक्ट के लाइसेंस रद्द किए गए थे. बिल्डर को काली सूची में डाल दिया गया था. अब फिर से गड़बड़ी सामने आई है. ऐसे में बिल्डर के साथ हस्ताक्षर के लिए अधिकृत व्यक्ति के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाए. फर्जी दस्तावेजों के साथ योजना को विभाग में प्रस्तुत करने वाले आर्किटेक्ट और कंपनी के अन्य निदेशक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी. लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को भी रोक दिया जाए.

पांच हजार से ज्यादा लोगों का पैसा फंसा माहिरा बिल्डर के शहर में अलग-अलग पांच प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जो अब बंद पड़े हैं. इन प्रोजेक्ट में करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों का पैसा फंसा हुआ है. यह लोग 80 फीसदी से ज्यादा पैसा बिल्डर को दे चुके हैं. पिछले दिनों 25 फीसदी से कम पैसा देने वालों की यूनिट रद्द करने का फरमान बिल्डर ने दिया था.

शर्तों के साथ बहाल हुए थे लाइसेंस: एक साल पहले भी माहिरा के बैंक गारंटी सहित अन्य दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे. प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाली योजना सभी को घर, सभी को छत के तहत सुलभ हाउसिंग की शुरुआत की गई थी. सेक्टर-104, सेक्टर-68, सेक्टर-95 सेक्टर-65 और सेक्टर-103 में माहिरा होम्स प्रोजेक्ट की शुरुआत इसी मकसद से की गई थी. सभी प्रोजेक्ट 2021-22 तक प्रोजेक्ट पूरा होना था. लाइसेंस की बहाली शर्तों के साथ की गई थी. इसमें निर्माण की निगरानी और बिना बिक्री यूनिटों को डीटीपी को गिरवी रखने जैसी शर्तें थीं.

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