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कोर्ट के आदेश पर जुर्माना राशि लौटाई

Admin Delhi 1
8 May 2023 9:04 AM GMT
कोर्ट के आदेश पर जुर्माना राशि लौटाई
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चंडीगढ़ न्यूज़: बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज विक्रांत की अदालत ने उपभोक्ता को जुर्माने की राशि वापस दिलवाई. बिजली निगम द्वारा लगाए गए आरोप गलत मिलने पर कोर्ट ने उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि को 9 प्रतिशत ब्याज दर से लौटाने के निर्देश दिए. लेकिन बिजली निगम ने उपभोक्ता को धनराशि वापस नहीं की. जिस पर उपभोक्ता ने अदालत में एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर की.

अदालत ने बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर दिया था और बैंक को आदेश दिया था कि उपभोक्ता को जुर्माना राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से वापस की जाए. उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता ने बताया कि सेक्टर-54 के उपभोक्ता निर्मल गुप्ता का बिजली का मीटर जनवरी 2018 में बिजली निगम द्वारा उतार लिया गया था. 19 जुलाई 2018 को मीटर को बिजली निगम की लैब में चैक करवाना बिजली निगम द्वारा बताया गया और उपभोक्ता पर आरोप लगाए कि उसके बिजली के मीटर में कुछ गड़बड़ थी. उस पर 2 लाख 22 हजार 51 रुपए का जुर्माना लगा दिया. आदेश दिया था कि जुर्माना राशि जमा करा दें, नहीं तो कनेक्शन काट दिया जाएगा. उपभोक्ता ने डर से जुर्माना राशि जमा कराकर अदालत में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर कर दिया था.

बिजली निगम के सभी आरोप गलत करार दिए गए: अधिवक्ता ने बताया कि सिविल जज विक्रांत की अदालत में मामला चला और 22 फरवरी 2022 को बिजली निगम के सभी आरोपों को गलत करार देते हुए अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिया था कि जमा की गई जुर्माना राशि 9 प्रतिशत ब्याज के साथ उपभोक्ता को वापिस की जाए, लेकिन निगम ने ऐसा नहीं किया. उपभोक्ता ने उक्त अदालत में बिजली निगम के खिलाफ एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर कर दी थी. इस पिटिशन का निपटारा करते हुए अदालत ने बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच करते हुए बैंक को आदेश दिया था कि उपभोक्ता को 3 लाख 14 हजार रुपए की धनराशि वापस की जाए. बैंक ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए उपभोक्ता को 3 लाख 14 हजार का चेक दे दिया है.

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