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उम्रकैद की सजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : याचिका दाखिल करते हुए फरीदाबाद निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसकी 14 साल की बेटी की शिकायत पर पुलिस ने उस पर 14 अक्तूबर 2012 को एफआईआर दर्ज की थी।याची ने बताया कि उसकी बेटी ने शिकायत में कहा कि याची उससे तब से दुष्कर्म कर रहा है जब वह सात साल की थी। 12 अक्तूबर 2012 को भी याची ने उससे दुष्कर्म किया था। इस बारे में उसने अपनी दोस्त की मां को बताया जिसके बाद यह शिकायत दी गई। याची ने कहा कि वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ एक कमरे के मकान में रहता था। ऐसे में कैसे बेटी से दुष्कर्म कर सकता था।
याची की पत्नी ने भी याची के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि उसकी बेटी ने कभी उसे इस बारे में नहीं बताया। याची ने कहा कि उसकी बेटी की दोस्त का परिवार अवैध गतिविधियों में शामिल था और याची लगातार अपनी बेटी को उनसे दूरी बनाने के लिए कहता था। ऐसे में याची की बेटी की दोस्त की मां ने साजिशन यह झूठी एफआईआर दर्ज करवाई है।
विकृत यौन मानसिकता के कारण नहीं घट रहे बच्चों के प्रति अपराध
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारे देश में बच्चों के प्रति यौन अपराधों को रोकने के लिए कड़ा कानून मौजूद है। ऐसे अपराधियों के लिए कठोर सजा का प्रावधान भी है लेकिन विकृत यौन मानसिकता वाले लोगों के कारण समाज में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं।
सोर्स-amarujala
Admin2
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