फरीदाबाद न्यूज़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हथीन के लोगों के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का रिहायशी सेक्टर विकसित करने की घोषणा की है. यहां के लोग इससे जहां उत्साहित हैं, वहीं हथीन में अस्सी के दशक से अधूरा पड़ा औद्योगिक क्षेत्र और जिला नूंह के मुख्यालय में एक दशक बाद भी प्राधिकरण के तीन सेक्टर आबाद नहीं हो पाने पर सवाल उठा रहे हैं.
नूंह के किसान आज भी जमीन के मुआवजे के लिए संबंधित विभाग के चक्कर काट रहे हैं, जबकि हथीन के औद्योगिक क्षेत्र में नए उद्योग आना तो दूर बल्कि यहां चल रहे उद्योगों को चलाना चुनौती बनता जा रहा है.
देश के पिछड़े जिलों में शुमार जिला नूंह में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का एक भी सेक्टर नहीं है. जबकि जिला फरीदाबाद में ही करीब 100 सेक्टर अब तक विकसित किये जा चुके हैं. बहरहाल, नूंह में अवैध कॉलोनी के रूप में यहां शहरीकरण का विस्तार हो रहा है. इसको रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2010 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के तीन सेक्टर विकसित करने की योजना बनाई. जमीन भी अधिग्रहण कर ली. वर्ष 2012 में अवार्ड भी घोषित कर दिया. कई जगह 33 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया. जमीन की बाजार कीमत ज्यादा बताकर किसानों ने सरकार के मुआवजे को कम बताया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. गांव फिरोजपुर नमक के किसान मास्टर यूनुस का कहना है कि उनकी काफी जमीन सेक्टर में गई थी. लेकिन सरकार ने मुआवजा नहीं दिया.
हथीन में पानी की समस्या: हथीन में जमीन अधिग्रहण करने के बाद यहां उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया. स्थानीय निवासी हारून के कहना है कि कुछ उद्योग यहां आए. लेकिन यहां का भूजल खराब होने से उद्योग चलाना मुश्किल हो गया. खराब पानी की वजह से उद्योगों की मशीन खराब होने लगी. इससे यहां उद्योग लगाने की रफ्तार बेहद धीमी हो गई.
औद्योगिक, रिहायशी सेक्टर विकसित करने से पहले आधारभूत ढांचा तैयार करना चाहिए. कनेक्टिविटी मजबूत किया जाना चाहिए. इसके अलावा कोई सेक्टर विकसित करने से पहले सर्वे करना जरूरी है. - रवि सिंगला, सेवानिवृत्त सीनियर टाउन प्लानर