हरियाणा

कॉल सेंटर खोलकर ठगी करने वाले दो गिरोह के आठ गिरफ्तार

Admin Delhi 1
29 April 2023 1:18 PM GMT
कॉल सेंटर खोलकर ठगी करने वाले दो गिरोह के आठ गिरफ्तार
x

फरीदाबाद न्यूज़: साइबर थाना पुलिस ने नोएडा में अलग-अलग स्थानों से कॉल सेंटर खोलकर ठगी करने वाले दो गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एक गिरोह के सदस्यों ने लोन का झांसा देकर देशभर के 600 से अधिक लोगों को ठगा है. वहीं, दूसरे गिरोह के सदस्यों ने इंश्योरेंस पॉलिसी को चालू करने का झांसा देकर 150 से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधड़ी की.

एसीपी विनोद कुमार ने बताया कि 19 अप्रैल को साइबर थाना बल्लभगढ़ में इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के नाम पर एक ठगी का मामला दर्ज किया गया था. साइबर थाना बल्लभगढ़ की टीम ने इस मामले में नोएडा से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान नोएडा निवासी वरुण, अजय कुमार,अर्जुन सिंह,अशोक, दिल्ली के अशोक नगर निवासी अभिषेक, गाजियाबाद निवासी सुमित के रूप में हुई है. इनके पास से आठ मोबाइल, चार सिम कार्ड और 24,200 हजार रुपये बरामद किए गए. इन्होंने 150 लोगों को झांसा देकर ठगी की.

एसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से वरुण, अजय कुमार, अर्जुन सिंह और सुमित ने दो साल पहले तक नोएडा स्थित फर्जी कॉल सेंटरों में पांच साल तक नौकरी की थी. वहां से नौकरी छोड़कर आरोपी अपना फर्जी कॉल सेंटर खोल लिया. इसके लिए उन्होंने एक मॉल में किराये पर कार्यालय तक लिया था.

इस तरह करते थे जालसाजी: एसीपी विनोद ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि सभी आरोपी नोएडा स्थित एक मॉल में दो साल से कॉल सेंटर चला रहे थे. वहीं से वह लोगों को फोन करते थे. आरोपी पॉलिसी धारकों की जानकारी जुटाकर, उनके पास फोन करते थे. पॉलिसी धारकों को इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्युअल कराने, उस पर कैशबैक दिलाने, बंद पॉलिसी को चालू कराने, पॉलिसी से एजेंट कोड को हटाने आदि का झांसा देते थे. साथ ही झांसा में लेकर अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करा लेते थे. इसके बाद रिटेलर का काम कर रहे आरोपी विजय से 10 फीसदी कमीशन पर पैसे निकलवाते थे. विजय के पास मनी ट्रांसफर करने का लाइसेंस था. आरोपी सुमित पैसे निकालने का काम करता था.

पॉलिसी धारकों का डाटा 300 रुपये में खरीदते थे: पुलिस ने बताया कि आरोपी पॉलिसी धारकों का डाटा खरीदते थे. इसके लिए वह प्रति डाटा 300 रुपये देते थे. पुलिस का कहना है कि अब यह जांच की जा रही है कि आरोपियों को डाटा उपलब्ध कराने में कहीं इंश्योरेंस कंपनियां तो शामिल नहीं है. पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है.

Next Story