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कुरुक्षेत्र (आईएएनएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को कहा कि देश स्वतंत्रता सेनानी उधम सिंह के सर्वोच्च बलिदान और मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण और बलिदान को हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने उधम सिंह शहादत दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में भाग लेते हुए कहा, ''स्वतंत्रता सेनानी उधम सिंह अपने शब्दों पर कायम रहे। उन्होंने माइकल ओ'डायर की हत्या करके अपना बदला पूरा किया।''
उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना का बदला लेने के लिए 13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में कभी पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे माइकल ओ'डायर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद उधम सिंह का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम में हुआ था। उनके बचपन का नाम शेर सिंह था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''जलियांवाला बाग हत्याकांड उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था और उन्होंने बदला लेने का संकल्प लिया। वह इंग्लैंड गये। दो दशक बाद उन्होंने अपना वादा पूरा किया और लंदन में एक बैठक में माइकल ओ'डायर को गोली मार दी। जब जलियांवाला बाग की घटना हुई थी, तब ओ'डायर पंजाब का लेफ्टिनेंट गवर्नर था। अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और दोषी मानते हुए फांसी पर लटका दिया। देश उधम सिंह के सर्वोच्च बलिदान, मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण और बलिदान को हमेशा याद रखेगा।''
मुख्यमंत्री ने करनाल, कुरूक्षेत्र और शाहाबाद शहरों में तीन कंबोज धर्मशालाओं के निर्माण के लिए 47 लाख रुपये से अधिक की घोषणा की। इसके अलावा, सांसद नायब सिंह सैनी ने कुरूक्षेत्र में धर्मशाला के लिए 11 लाख रुपये देने की घोषणा की।
खट्टर ने कहा कि सरकार हमेशा अंत्योदय की भावना और जनसेवा के लक्ष्य के साथ विकास कार्यों को अंजाम दे रही है।
उन्होंने कहा, "शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों और पिछड़ों को सबसे पहले मिले, इसके लिए काम किया जा रहा है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा विकास के पथ पर देश के कई राज्यों से आगे है। हमने राज्य का समान विकास सुनिश्चित करने के लिए 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' का नारा दिया था।''
उन्होंने कहा कि सरकार संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना चला रही है, जिसके तहत उनके संदेश और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने और युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से संतों और महापुरुषों की जयंती आधिकारिक तौर पर मनाई जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हम ऐसे वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए बलिदान और देशभक्ति के मार्ग पर चलकर ही दे सकते हैं।"
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