रेवाड़ी न्यूज़: अरावली पर्वत श्रंखलाओं के बीच नगर निगम प्रशासन एक और गौशाला बनाएगा. ताकि सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं को वहां रखा जा सके. हरियाणा गौ सेवा आयोग ने इस संबंध में नगर योजनाकार शाखा को गौशाला के लिए जमीन के चयन के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं.
फिलहाल जिले में सात गौशालाएं हैं. इनमें से तीन गौशालाएं नगर निगम के पैनल पर हैं. इन गौशालाओं में क्षमता से अधिक करीब पांच हजार गौधन है. इनमें से एक मवई गौशाला नगर निगम की है. जबकि ऊंचा गांव की गौशाला और अरावली में श्रीगोपाल गौशालाएं अन्य संस्थाओं की हैं. इन तीनों गौशालाओं का संचालन सामाजिक संस्थाएं करती हैं. बेसहारा पशुओं से सबंधित शिकायत शहर की मंडी बल्लभगढ़, डबुआ कॉलोनी समेत शहर की सड़कों और लगभग सभी इलाकों से आती है.
कई बार सड़क पर इनके कारण यातायात बाधित होता है और पशु भी घायल हो जाते हैं. गौशालाओं में जगह नहीं है. ऐसे में नई गौशालाओं की आवश्यकता है. जिले की सड़कों पर करीब 15 हजार बेसहारा पशु घूमते हैं. गाय को तो दूध के लालच में लोग अपने घरों में ले जाते हैं, जबकि बछड़ों को खुला छोड़ देते हैं.
शालाओं को आर्थिक मदद करता है निगम
नगर निगम प्रशासन के पैनल पर फिल्हाल तीन गौशालाएं हैं, जिन्हें नगर निगम करीब 17 लाख रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद मुहैया कराता है. इसमें मंवई गौशाला का मालिकाना हक नगर निगम के पास है. श्रीगोपाल गौशाला और ऊंचा गांव गौशालाएं सामाजिक संस्थाओं की हैं. इन गौशालाओं को हरियाणा गाय सेवा आयोग मदद करता है. इसके अलावा गौशालाओं में आम लोग भी मदद करते हैं.
सड़कों से पशुओं को हटाने के लिए टीम गठित
नगर निगम ने सड़कों से बेसहारा पशुओं को हटाने के लिए दो टीमों का गठन किया है. जिसमें नौ-नौ कर्मचारियों को शामिल किया गया है. दो गाड़िया मुहैया कराई गई हैं. जल्द ही गौशालाओं के विस्तार के साथ ही बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाने का अभियान चलाया जाएगा. िशकायत के लिए नगर निगम के शिकायत केंद्र के दूरभाष संख्या 0129-2422664 पर जानकारी दी जा सकती है.