लावारिस कुत्तों को लेकर निगम गंभीर नहीं, स्मार्ट सिटी में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी जैसा हादसा होने की आशंका
फरीदाबाद न्यूज़: राज्य सरकार द्वारा कुत्तों को लेकर बनाए गए नियम-कानून के प्रति नगर निगम गंभीर नहीं दिख रहा. जिसका परिणाम यह है कि शहर के विभिन्न इलाकों में अवारा और पालतु कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं और यहां भी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी जैसा दर्दनाक हादसा होने की आशंका बनी रहती है.
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में दो दिन पहले एक डॉक्टर को नोंचकर मार डाला. बीते दिनों 10 अप्रैल को सेक्टर-10 में एक चौकीदार को कुत्ते ने कई जगह काटकार लहुलूहान कर दिया और चौकीदार को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. डबुआ कॉलोनी के अमित को गली-मौहल्ले के कुत्ते ने काट लिया.
नगर निगम की लापरवाही के चलते जहां एक तरफ स्मार्ट सिटी के रिहायशी इलाकों के गली-मौहल्लों में लावारिस कुत्तो की तादात लगातार बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर पशुप्रेमी नियमों को ताक पर रखकर कुत्ता पालते हैं. जबकि सरकार ने कुत्ता पालने को लेकर नियम सख्त बनाए हैं, लेकिन उनका धरातल पर पालन नहीं किया जा रहा है. यहां तक कि लोगों ने नगर निगम में अपने पालतु जानवरों का पंजीकरण नहीं करवाया है.
गली-मौहल्ले के कुत्तों के बजाए पालतू कुत्ते ज्यादा खतरनाक पशु चिकित्सक डॉ.जानकी चतुर्वेदी बताते हैं कि गली-मौहल्ले में घूमने वाले कुत्ते के मुकाबले पालतु कुत्ता अधिक खतरनाक होता है. पालतु कुत्ता अधिकतर समय बंद दरवाजे में रहता है, इसलिए जब उसे बाहर निकाला जाता है, तो उसके कई बार आक्रमक होने की आशंका अधिक होती है. बीते कुछ वर्षो में कुत्ता काटने की घटनाएं बढ़ी हैं तो इसके चलते ही हरियाणा सरकार ने कुत्ता पालने के नए नियम लागू किए. लेकिन ध्ररातल पर इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. नगर निगम ने लोगों को जागरूक करने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया है. नगर निगम में अभी तक मात्र 70 कुत्तों का पंजीकरण किया गया. जबकि एक सर्वे के मुताबिक स्मार्ट सिटी में करीब डेढ़ लाख पालतु कुत्ते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश पर बनाए गए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता)-अधिनियम-2001 के तहत कुत्तों को मार नहीं सकते हैं. नसबंदी के बाद कुत्ते को उसी गली में छोड़ना होगा, जहां से उसे पकड़ा गया था.
सरकार के ये नियम सख्ती से लागू होने चाहिए:
1. कोई भी व्यक्ति एक ही कुत्ता पाल सकता है
2. कुत्ते को सार्वजनिक स्थान पर टहलाने के लिए उसको मुखौटा पहनाना अनिवार्य
3. नियमों का उल्लंघन होने पर कुत्ते के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
4. नियम का उल्लघंन करने पर 15 हजार रुपये जुर्माना और जेल हो सकती है
साठ हजार कुत्तों को टीके नहीं लगे
फरीदाबाद के विभिन्न इलाकों में कुत्तो और बंदरों का आतंक है. करीब 60 हजार अवारा कुत्ते गलियों में लोगों की जान के दुश्मन बन घूम रहे हैं. नगर निगम ने इनको एंटी रेबीज टीके नहीं लगवाए हैं. हरियाणा पशुपालन विभाग के एक सर्वे के मुताबिक जिले में बेसहारा कुत्ते करीब 60 हजार हैं. एक निजी संस्था को अवारा कुत्तो की नसबंदी व एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने का काम दिया गया था. लेकिन नगर निगम ने इस संस्था द्वारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने के काम की कोई निगरानी या समीक्षा नहीं की है. किस इलाके के कितने कुत्तों की नसबंदी की गई या एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए? ऐसा कोई रिकॉर्ड नगर निगम के पास उपलब्ध नहीं है.
बीते चार महीने में करीब 70 कुत्तों का ही पंजीकरण हो सका है. जल्द ही कुत्तों के लिए ठोस योजना तैयार की जाएगी. जिससे लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो.
-बीएस तेवतिया, नोडल अधिकारी