फरीदाबाद न्यूज़: नगर निगम में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जा रहे कर्मचारी-अधिकारी और बिना काम के भुगतान घोटाला उजागर होने के बाद भी यहां अकाउंट्स का रखरखाव सही ढंग से नही हो रहा है. इन मामलों के बाद अब नगर निगम में वाटर एटीएम की करीब 38 लाख रुपये की फीस का रिकॉर्ड नही है. आरटीआई कार्यकर्ता अजय सैनी की आरटीआई के तहत इसका खुलासा हुआ है.
हालांकि नगर निगम के कार्यकारी अभियन्ता ओपी कर्दम ने आरटीआई में दी गई जानकारी को गलत बताते हुए खारिज किया है और उन्होंने वाटर एटीएम की फीस समय पर जमा होने का दावा किया है.
यह है मामला स्मार्ट सिटी के लोगों को स्वच्छ और ठंडा पानी मुहैया करवाने के लिए नगर निगम ने 50 जगह वाटर एटीएम लगाने की योजना वर्ष 2017 में बनाई थी. इसके लिए निगम ने एक निजी कंपनी के साथ करार किया था. जिसके तहत निगम ने संबंधित कम्पनी को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जगह चयनित करके दी गई. वाटर एटीएम लगाने के लिए नगर निगम की तरफ से 50 फुट जगह उपलब्ध करवाई. बिजली का कनेक्शन दिया गया. पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी नगर निगम ने अपने पास रखी. जिस पानी को आरओ से साफ करके लोगों की निर्धारित मूल्य में कंपनी को बेचने के अधिकार दिए गए. एक लीटर से लेकर 20 लीटर की बोतल में पानी की बिक्री करना तय किया गया. बाजार, अस्पताल आदि स्थानों को प्राथमिकता पर रखा गया.
यह है फीस दरें नगर निगम को दी जाने वाली एटीएम की मासिक फीस एक हजार रुपये से लेकर 1500 रुपये तक निर्धारित की गई है. यह फीस निजी कंपनी को नगर निगम में जमा करवानी होती है. उधर कंपनी को उपभोगता से वसूलने के लिए एक लीटर पानी का शुल्क दो रुपये, पांच लीटर पानी का शुल्क आठ रुपये और 20 लीटर पानी का शुल्क 10 रुपये निर्धारित किया हुआ है. आरटीआई के मुताबिक वर्ष 2017 से एटीएम चल रहे हैं. अजय का दावा है कि छह साल में करीब 38 लाख रुपये फीस बनती है, जो एटीएम संचालन करने वाली कंपनी को नगर निगम के खाते में जमा करवानी थी.
ऐसे हुआ खुलासा
अजरौंदा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अजय सैनी ने वाटर एटीएम योजना को लेकर आठ बिंदुओं पर जानकारी मांगी. इनमें एटीएम की फीस कितनी है, अब तक कितनी फीस नगर निगम खजाने में जमा हो चुकी है, स्मार्ट सिटी में कुल कितने वाटर एटीएम चल रहे हैं, एटीएम से लोगों को दिए जा रहे पानी का निर्धारित शुल्क कितना है आदि बिंदु शामिल थे. अजय ने बताया कि आरटीआर के तहत जो सूचना उन्हें मिली है, उसमें वाटर एटीएम से अब तक वसूली गई फीस वाले बिंदु में नगर निगम वसूले गए शुल्क का कोई रिकॉर्ड नगर निगम के पास नही होना बताया है. उन्होंने वाटर एटीएम के नाम पर घोटाले की आशंका जाहिर की है और साथ ही इस मामले की जांच विजिलेंस से करवाने की मांग की है.
वाटर एटीएम का संचालन नियमानुसार हो रहा है. संबंधित कंपनी इनकी फीस भी समय पर अदा करती रहती है. आईटीआई में दी गई सूचना गलत है. यह कैसे हुआ है, इसकी जांच की जाएगी. -ओपी कर्दम, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम