चंडीगढ़ न्यूज़: प्रयोगशाला में भ्रूण तैयार करने की तकनीक पहले से मौजूद है, लेकिन भविष्य में बच्चे भी लैब में पैदा हो सकेंगे. यह दावा जापान के वैज्ञानिकों ने किया है. उन्हें प्रयोगशाला में अंडाणु और शुक्राणु बनाने में कामयाबी मिली है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक को विकसित करने में अभी और समय लगेगा.
जापान क्यूशू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को लैब में चूहों पर शोध में अंडा और स्पर्म बनाने में सफलता मिली है. विश्वविद्यालय के स्टेम सेल के प्रोफेसर कात्सुहिको हयाशी ने बताया कि उनकी टीम ने प्रयोगशाला में स्पर्म और अंडे बना लिए हैं. इनसे भ्रूण भी बनेगा, जिन्हें बाद में कृत्रिम गर्भ में विकसित किया जाएगा. बता दें कि इस साल मार्च में जर्नल नेचर में इस शोध को प्रकाशित किया गया था. वैज्ञानिकों ने कहा कि वर्ष 2028 तक यह हकीकत बन सकता है.
कोशिकाओं से शुक्राणु और अंडाणु बनाया प्रोफेसर हयाशी और उनकी टीम ने सात चूहों पर यह प्रयोग किए. शोध टीम के अनुसार नर चूहे की त्वचा कोशिकाओं का इस्तेमाल कर अंडा बनाया गया. इसी तरह शुक्राणु भी तैयार किए गए. लैब में अंडाणु और शुक्राणु बनाने की इस प्रक्रिया को इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस (आईवीजी) कहा जाता है.
पांच और साल लगेंगे प्रोफेसर हयाशी ने अनुमान लगाया कि मनुष्यों के अंडे जैसी कोशिकाएं तैयार करने में पांच साल लगेंगे. यह प्रक्रिया बेहद सुरक्षित होगी. हालांकि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेनरी ग्रीली कहा कि विश्वसनीयता पाने में 10 साल तक लग सकते हैं.