हेलीपैड टाइल चोरी मामले में तीन अफसरों के खिलाफ चार्जशीट
गुडगाँव न्यूज़: स्वर्ण जयंती समारोह के लिए लेजरवैली मैदान में प्रधानमंत्री के आगमन के लिए बनाए गए हेलीपैड से 50 लाख रुपये की टाइलें चोरी मामले में निगम की विजिलेंस ने जांच पूरी कर ली है. मामले में लापरवाही मिलने पर नगर निगम के तीन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
विजिलेंस की सिफारिश पर निगम ने मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए मुख्यालय को भी लिख दिया है. एचएसीएस अधिकारी रोहित यादव की शिकायत के आधार पर निगम की विजिलेंस टीम ने इस जांच को सिरे चढ़ाया है. यह मामला बीते सात साल से लंबित पड़ा हुआ था.
विजिलेंस की टीम ने एक साल तक की जांच के बाद अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. मुख्यालय के आदेश के बाद मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है. वहीं मामले में शामिल निगम के पूर्व कार्यकारी अभियंता धर्मबीर सिंह मलिक ने कहा कि मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज करवा दिया था. उनके खिलाफ कार्रवाई गलत की जा रही है.
एक नवंबर 2016 को हरियाणा दिवस पर गुरुग्राम में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के लिए लेजरवैली मैदान में प्रधानमंत्री के लिए हेलीपैड बनाया गया था. समारोह के समापन के कुछ दिन बाद ही 50 लाख रुपये की हेलीपैड की टाइल्स गायब हो गई. इसकी जांच के लिए तत्कालीन निगमायुक्त टीएल सत्यप्रकाश ने एक जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपने के कारण तत्कालीन निगमायुक्त वी. उमाशंकर ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे.
बता दें कि नगर निगम के तत्कालीन अतिरिक्त निगमायुक्त अमित खत्री को मामले की जांच के लिए लगाया गया था. इसके बाद से ही यह मामला लंबित चल रहा था.
2.88 लाख टाइलों का है मामला
मामला उजागर होने के बाद 2017 में जांच शुरू हुई थी. जांच में कुल दो लाख 88 हजार टाइलों में से 79 हजार टाइल बरामद हो गई थी. ये टाइलें कार्टरपुरी और शीतला कॉलोनी की सड़कों में लगाई गई थीं, लेकिन इनको लगाने के लिए उच्चाधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई. इसके अलावा दो लाख नौ हजार टाइलें अभी भी गायब हैं. जांच में इनका कोई हिसाब-किताब नहीं मिला.
ठेकेदार को कर दिया पूरा भुगतान
बता दें कि टाइलों के घोटाले के संबंध में एक शिकायत 2017 में प्रधान सचिव को नगर निगम के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (एचसीएस अधिकारी) के खिलाफ भेजी गई थी. शिकायत में लिखा गया था कि अधिकारी ने हेलीपैड के मैदान में पानी का छिड़काव करने के बजाय टाइलें लगा दीं और बाद में इन टाइलों को दूसरी जगह पर लगवाकर ठेकेदार को नगर निगम से भुगतान करा दिया.
इस मामले को लेकर मैनें उसी समय पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया था. इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है. चार्जशीट करने की जानकारी नहीं है. निगम की विजिलेंस ने जांच में मुझे शामिल नहीं किया गया था.
निगम विजिलेंस ने जिन मामलों की जांच पूरी कर ली है, उनमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए मुख्यालय को भेज दिया गया है. मुख्यालय के आदेश के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.
-धर्मबीर सिंह मलिक, पूर्व कार्यकारी अभिंयता, नगर निगम, गुरुग्राम