Chandigarh: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप सी और डी की भर्ती पूरी करने की तैयारी तेज
चंडीगढ़: Haryana Government ने Haryana Staff Selection Commission की ग्रुप सी और डी की भर्ती पूरी करने की तैयारी तेज कर दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में सामाजिक-आर्थिक मानदंडों को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद अब हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है।
इसके लिए सरकार ने अपने शीर्ष वकीलों के साथ पूरा केस तैयार किया है. सरकार इस फैसले के खिलाफ अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट फिलहाल छुट्टियों पर है और 8 जुलाई से सुप्रीम कोर्ट दोबारा खुलेगा.
हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में रिव्यू केस दायर नहीं किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट जाना ही एकमात्र रास्ता है. यह पूरा ड्राफ्ट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दिखाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट जाने के पीछे सरकार का तर्क यह है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बेंच पहले ही सामाजिक-आर्थिक मानदंडों की योग्यता को बरकरार रख चुकी है। इसलिए इस फैसले का आधार सुप्रीम कोर्ट को बनाया जाएगा. इतना ही नहीं खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की भी तारीफ की है.
ऐसे में डबल बेंच डबल बेंच के फैसले को रद्द नहीं कर सकती. अगर फैसला पलटना ही था तो सुनवाई बड़ी बेंच (तीन जजों की बेंच) के सामने होनी चाहिए थी। ऐसे में नई बेंच में दो जज भी शामिल थे, जिससे पहली बेंच का फैसला पलट गया.
हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट में अपील की पहली सुनवाई पर अंतरिम आदेश का इंतजार करेंगे. अगर पहली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी तो ग्रुप सी और डी के बचे हुए पदों का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. अगर रोक नहीं लगाई गई तो हाईकोर्ट के फैसले को लागू कर ग्रुप सी और डी के बचे हुए पदों का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा और बाकी पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
युवा सोशल मीडिया पर अभिभान चला रहे हैं
भर्ती पूरी करने के लिए बेरोजगार युवा सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं। हजारों युवा हरियाणा सरकार पर भर्ती पूरी करने का दबाव बना रहे हैं. युवाओं की मांग है कि सरकार 5 सूत्री मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट न जाए, बल्कि पहले दी गई नौकरियों को बचाने के लिए जाए. हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक बची हुई नौकरियों के नतीजे घोषित किए जाएं. सरकार ने साफ कर दिया है कि इन 5 मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.