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Chandigarh: शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया

Admindelhi1
16 July 2024 11:31 AM GMT
Chandigarh: शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया
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सरकार ने बॉर्डर खोलने से मना किया

चंडीगढ़: हरियाणा के अंबाला में शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बीते 10 जुलाई को एक हफ्ते यानी सात दिन में बॉर्डर खुलवाने के निर्देश दिए थे। बुधवार को आदेश दिए 7 दिन पूरे होंगे।

इस बीच आज चंडीगढ़ में बैठक के बाद किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि शंभू बॉर्डर खुलते ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने कहा है कि बॉर्डर नहीं खोला जाएगा। शंभू बॉर्डर पर बढ़ी किसानों की संख्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अंबाला में एसपी कार्यालय व शंभू बॉर्डर के आसपास धारा 144 लगा दी है।

दिल्ली जाना प्राथमिकता: डल्लेवाल

डल्लेवाल ने कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली जाने और दूसरी प्राथमिकता राम लीला मैदान है। किसान नेता ने कहा कि उनकी इसके अलावा और कोई मंशा नहीं है। सरकार हमें जहां भी रोकती है, वे सरकार की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा, उनका आंदोलन उतनी देर तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनके साथ किए वादे पूरे नहीं करती। ये उनकी डिमांड नहीं हैं, सरकार की तरफ से किए गए वादे हैं।

15 सितंबर को जींद के पास महापंचायत

किसान नेता ने बताया कि जींद के पास 15 सितंबर को बहुत बड़ी महापंचायत होगी। इसके अलावा एक महापंचायत अंबाला के पास की जाएगी। वहीं 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने का भी उनका प्लान है। डल्लेवाल ने कहा कि दूसरी कोशिश है कि हम पंजाब में पंचायत करें।

बुधवार को अंबाला एसपी का घेराव करेंगे

किसान नेताओं ने कहा कि 17 जुलाई यानी बुधवार को सुबह 10 बजे अंबाला सिटी की नई अनाज मंडी में इकट्ठा होने के बाद हम अंबाला के एसपी का घेराव करने के लिए निकलेंगे। उन्होंने कहा, 17-18 जुलाई का नवदीप जलबेड़ा की रिहाई के लिए कार्यक्रम वैसा ही रहेगा। इसमें किसानों ने अंबाला एसपी आॅफिस के घेराव की घोषणा की है।

शंभू बॉर्डर पर फरवरी से डटे हैं किसान: बता दें कि पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी से धरने पर बैठे हैं। वह दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने जब उन्हें अनुमति नहीं दी तो वह शंभू बॉर्डर पर बैठ गए। तब से वे वहीं डटे हैं।

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