हिसार न्यूज़: स्मार्ट सिटी के नौवीं कक्षा से 12 वीं कक्षा के छात्रों को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ( बीआईएस) खाद्य पदार्थों की जांच करना सिखाएगा. जिले के कुल 48 स्कूलों का चयन किया गया है. इन विद्यालयों में विज्ञान संकाय में पढ़ाई कराई जाती है. फरीदाबाद और बल्लभगढ़ खंड में स्थित स्कूलों का चयन किया गया है. इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दोनों खंड शिक्षा अधिकारियों को क्लब बनाए जाने को लेकर निर्देश दे दिए गए हैं.
खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट से लोगों को जागरुक करने के लिए बीआईएस राजकीय विद्यालयों में बीआइएस क्लब बनाकर छात्रों को प्रशिक्षित करेगा इसके साथ ही उन्हे शिविर इत्यादि लगाकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए भी तैयार किया जाएगा.
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक बीआईएस क्लब का गठन चयनित किए गए 48 स्कूलों में किया जाएगा. इस क्लब का गठन 10 जुलाई से पहले किया जाना है. इस क्लब को लेकर संस्था प्रमुख एक विज्ञान शिक्षक को नामित करेंगे जो कि मेंटर के तौर पर काम करेगा. वहीं एक स्टूडेंट लीडर का चयन किया जाएगा जिसके साथ तीन से चार क्लब मेंबर चुने जाएंगे. यह सभी स्कूल के ही छात्र होंगे.
2500 छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण
जिले में कुल 48 स्कूल चयनित किए गए हैं. प्रत्येक स्कूल से करीब 50 बच्चों को प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा. इस दौरान छात्र एक साल बाद क्लब छोड़ सकते हैं. बीआइएस क्लब के सदस्यों का डाटा अपने पास सुरक्षित रखेगा ताकि उन्हें जरूरत पड़ने या फिर उनके लिए कोई अवसर मिलने पर उन्हे सूचित किया जाएगा. प्रशिक्षण के लिए राजकीय सीनियर सेकेंड्री स्कूल, बल्लभगढ़, सीही, सागरपुर, साहूपुर, फतेहपुर बिल्लौच, फतेहपुर तगा, सीकरी, मोहना, सेक्टर 55 फिरोजपुर कला, पन्हेरा खुर्द, ओल्ड फरीदाबाद, एनआईटी 3, एनआईटी 5, बडखल, भूपानी, अजरौंदा, अनंगपुर समेत पूरे जिले के राजकीय कन्या सीनियर सेकेंड्री स्कूल और मॉडल संस्कृति विद्यालयों में क्लब बनाया जाएगा.
जागरुकता है उद्देश्य
बीआइएस द्वारा क्लब बनाए जाने का उद्देश्य लोगों को खाद्य सामानों में मिलावट के प्रति जागरुक करना है. छात्र क्लब के सदस्य के तौर पर जागरुकता शिविर आयोजित करेंगे. यदि वह क्लब छोड़ भी देते हैं तो उन्हे सर्टिफिकेट दिया जाएगा ताकि वह कभी भविष्य में बीआईएस से जुड़कर अपनी सेवाएं देना चाहें तो वह दे सकेंगे.
बीआइएस प्रत्येक क्लब को दस हजार रुपये सालाना तौर पर देगी. जिसमें छात्र जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन अपने मेंटर के साथ कर सके. इसके अलावा छात्रों को अलग-अलग प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कृत भी किया जाएगा. इन छात्रों को 250 रुपये, 500 रुपये, एक हजार रुपये, 5 हजार रुपये और 10 हजार रुपये तक का पुरस्कार दिया जाएगा. इसके अलावा छात्रों को निबंध लेखन, प्रश्न मंच प्रतियोगिता इत्यादि के जरिए मिलावटी सामान के बारे में जागरुक किया जाएगा.