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Chandigarh चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को राज्य में डेंगू के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि डेंगू के मामलों का सरकारी आंकड़ा करीब 6,000 है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। हुड्डा ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों के लिए न तो बेड हैं और न ही उन्हें उचित उपचार मिल रहा है। बीमारी लगातार लोगों की जान ले रही है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा सरकार गहरी नींद में सो रही है। उन्होंने कहा कि समय रहते डेंगू को रोका जा सकता है। हुड्डा ने सरकार पर डेंगू के लार्वा को खत्म करने के लिए समय पर फॉगिंग करवाने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा पिछले महीने अपनी नई सरकार के गठन का जश्न मनाने में व्यस्त थी।
हुड्डा ने खुद कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि रिपोर्ट से साफ है कि सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टर उपलब्ध कराने की बजाय करोड़ों रुपये के घोटाले करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवाइयां और उपकरण भी खरीदे हैं। सरकार ने 15 ऐसी एजेंसियों को 5.67 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है, जिनकी दवाएं कई बार घटिया साबित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। यही कारण है कि आज राज्य में डॉक्टरों के करीब 30 फीसदी और स्वास्थ्य कर्मियों के 42 फीसदी पद खाली पड़े हैं।
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