फरीदाबाद न्यूज़: महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर जिला प्रशासन अब आंगनबाड़ी केंद्रो को लीगल क्लीनिक के तौर पर विकसित करेगा. इसके लिए जिला प्रशासन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियुक्त कर्मियों को कानूनी प्रशिक्षण देगा.
वर्तमान में 100 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कानूनी प्रशिक्षण दिया जा चुका है. वहीं अन्य कर्मचारियों के लिए भी डालसा कैंप लगाकर अपराधों के बारे में जागरूक करने की तैयारी की जा रही है. महिला कल्याण विभाग की अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कई बार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से महिलाओं और बच्चों के साथ उत्पीड़न की जानकारी मिलती थी लेकिन महिला शिकायत करने से बचती थी ऐसे में मदद करना संभव नहीं था. इसके बाद जिले में संचालित सभी केंद्रों को लीगल क्लीनिक के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई थी.
कैसे काम करेंगे लीगल क्लीनिक
कार्यक्रम की जिला कोआर्डिनेटर विकल ने बताया कि पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात कर्मियों को कानूनी तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वह पहले घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, बच्चों के साथ होने वाली छेड़खानी और उत्पीड़न इसके साथ ही बुजुर्गों के साथ मारपीट और अन्य अपराधों को लेकर कानून और उनके उपचार के बारे में परिचित हो सकें.
अब तक 200 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल एडवोकेट रविंद्र गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर कानूनी साक्षरता के लिए डालसा प्रतिमाह 20 आंगनबाड़ी कर्मियों को कानूनी प्रशिक्षण देता है अब तक कुल 200 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. डालसा लगातार कानूनी साक्षरता को लेकर कार्यक्रम चलाता रहता है.