फरीदाबाद न्यूज़: एनआईटी-पांच थाना की पुलिस ने एक निजी अस्पताल के संचालक पर लापरवाही मामला दर्ज किया है. आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही से एक चार साल का बच्चा कोमा में पहुंच गया. उसके इलाज में 12 लाख से अधिक खर्च हो चुके हैं. फिर भी वह अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं आ पाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस के अनुसार एनआईटी- दो स्थित जे-ब्लॉक निवासी नरेंद्र वधवा ने अपनी शिकायत में बताया है कि 23 दिसंबर 2022 को दोपहर उनके चार वर्षीय पोते योग वधवा को बुखार आ गया था. उसे एनआईटी पांच स्थित बच्चों के निजी अस्पताल पर ले जाया गया. वहां डॉक्टर भीम सेन पाठक ने पोते का प्राथमिक उपचार किया. दवा लेने के बाद वह पोते को वापस घर ले आए. शाम को इलाज के लिए दोबारा अस्पताल लेकर गए. उस समय डॉक्टर पाठक ने पोते को देखकर नर्स से इंजेक्शन लगाने को कहा.
वधवा का आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के थोड़ी देर बाद ही बच्चे की हालत बिगड़ गई. वह बच्चे को किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा. बच्चे को दिल्ली के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 23 दिसंबर 22 से आठ अप्रैल 2023 तक इलाज चलता रहा.
इस बाबत डाक्टर भीम सेन पाठक से मोबाइल फोन पर बात की गई तो उन्होंने व्यस्त होने के चलते कुछ बताने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बारे में कल कुछ बता पाऊंगा.