जेनरेटर पर प्रतिबंध के बाद उद्यमी बिजली आपूर्ति में सुधार की कर रहे मांग
फरीदाबाद न्यूज़: औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति में फॉल्ट बाधा बन रहे हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग डीजल जेनरेटर चलाने पर रोक लगा चुका है. इससे उद्यमियों की और मुसीबत बढ़ गई है. उद्यमियों का कहना है कि गर्मी और बरसात के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजली के आधारभूत ढांचे में सुधार होना चाहिए.
शहर में एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र, डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर-चार, छह, 11, 13, 24,25, 57, 58, 59 और हाईवे के दोनों ओर उद्योग लगे हुए हैं. इसके अलावा बल्लभगढ़ इलाके में आईएमटी भी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बन चुका है. निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में बिजलीघर बनाए हुए हैं. इनसे 23 घंटे से ज्यादा बिजली आपूर्ति हो रही है, लेकिन बिजलीघरों की पुख्ता व्यवस्था के बावजूद फीडर लाइन कभी ट्रिप हो जाती है तो कभी फॉल्ट की वजह से आपूर्ति ठप हो जाती है.
गर्मी का मौसम आते ही जब बिजली की मांग बढ़ती है तो ट्रांसफार्मर और लाइन में फॉल्ट आ जाते हैं. कई बार ओवरलोड की समस्या होने पर बिजलीघर से भी बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है. उद्यमियों का कहना है कि पहले के मुकाबले बिजली आपूर्ति में सुधार तो हुआ है, लेकिन अभी भी गर्मी, बरसात के मौसम में फॉल्ट की वजह से एक से चार घंटे तक बिजली कट लग जाते हैं. उद्यमियों की मांग है कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को मुंबई की तर्ज पर बिजली आपूर्ति के लिए आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार करना चाहिए.
गर्मी और बरसात में औद्योगिक क्षेत्रों में फॉल्ट बढ़ जाते हैं, जिससे परेशानी होती है. सरकार को यहां मुंबई की तर्ज पर बिजली आपूर्ति का आधारभूत ढांचा खड़ा करना चाहिए.
-रमणीक प्रभाकर, महासचिव, मेन्यूफेक्चरर एसोसिएशन ऑफ फरीदाबाद
रबड़ और बॉयलर वाले उद्योगों को ज्यादा समस्या
बिजली आपूर्ति ठप होने और जेनरेटर की सुविधा न होने से ऐसी औद्योगिक इकाइयों को ज्यादा समस्या होती है, जहां उत्पादन के लिए लगातार मशीन का चलना जरूरी होता है. रबड़ के उत्पाद बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों को ज्यादा समस्या आती है. इसके अलावा जिन उद्योगों में बॉयलर चलता है, वहां भी इस तरह की समस्या झेलनी पड़ती है. शहर में ऐसे उद्योगों की संख्या करीब तीन हजार है. जबकि कुल उद्योगों की संख्या 25 हजार से ज्यादा है.
आईएमटी में 24 घंटे बिजली का वादा किया गया था. यहां भी फॉल्ट की वजह से बिजली आपूर्ति में व्यवधान आता रहता है. डीजल जेनरेटर को लेकर सख्ती है. बिजली के आधारभूत ढांचे को सुधारने की जरूरत है.
-कल्पना, प्रबंध निदेशक, टॉय बैलून
दिन में कम से कम 12 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति होनी चाहिए. इससे फैक्टरियों में काफी हद तक काम हो जाता है. बिजली की कमी से ऑर्डर पूरे करने में समस्या आती है.
-ऋषि त्यागी, कोषाध्यक्ष, मेन्यूफेक्चरर एसोसिएशन ऑफ फरीदाबाद
बिजली के अघोषित कट ज्यादा परेशान करते हैं. फैक्टरी में लगातार काम चलता है. बिजली की आपूर्ति ठप होने से उत्पादन पर भी फर्क पड़ता है. कई बार चार घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है. - विजय राघवन, महासचिव, डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन