फरीदाबाद न्यूज़: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव अटाली और गांव छायंसा के दो अस्पतालों पर छापेमारी की. टीम ने गांव छांयसा के अस्पताल से काफी मात्रा में गर्भपात करने की दवाइयां और उपकरण बरामद किए.
टीम के पहुंचने से पांच मिनट पहले ही अस्पताल में महिला का गर्भपात चल रहा था. सभी कर्मचारी मरीज को लेकर फरार हो गए और अस्पताल पर ताला लगा दिया. थाना छायंसा पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से मिली शिकायत के आधार पर एक महिला डॉक्टर समेत दो डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
फरीदाबाद के सीएमओ डॉ विनय गुप्ता को सूचना मिली थी कि गांव अटाली और छायंसा में लिंग जांच के बाद अवैध रूप से गर्भपात किया जाता है. इस टीम बनाई गई. टीम ने सबसे पहले गांव अटाली स्थित डॉ मनीष और डॉ. आयुषी के एनकेएएस अस्पताल पहुंची. वहां पर एक व्यक्ति मिला, जिसने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर कुछ समय पहले गांव छायंसा के अस्पताल पर गए हैं. उसके बाद टीम पुलिस बल के साथ गांव छायंसा स्थित एनकेएएस अस्पताल पहुंची. अस्पताल के डिस्प्ले बोर्ड पर किसी भी डिग्री का जिक्र नहीं था और अस्पताल बंद था. टीम ने बिल्डिंग के मालिक का पता करके बुलाया. मालिक के साथ उसके दो भतीजे भी आए. मालिक के भतीजे राजेंद्र ने अस्पताल का ताला तोड़ कर दुकान को खोला. निरीक्षण टीम ने वहां से काफी मात्रा में गर्भपात करने की दवाइयां व उपकरण बरामद किए.
टीम के सदस्यों का कहना है कि उक्त अस्पताल को देखने से लग रहा था कि वह पर कुछ समय पहले एक महिला का गर्भपात किया गया. जो कि लड़की का 4 से 5 महीने का भ्रूण है. टीम ने ऑपरेशन थिएटर में महिला मरीज योगिता की सीबीसी की रिपोर्ट मिली. जोकि सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर की थी. उक्त रिपोर्ट पर मरीज का फोन नंबर लिखा हुआ था. उक्त मरीज को जब फोन किया तो उसकी आखिरी लोकेश गांव नरियाला मिली. महिला से फोन पर बात चल रही थी कि अचानक से फोन बंद हो गया.
टीम ने अस्पताल से गर्भपात में उपयोग की जाने वाली दवाओं और उपकरणों की सूची को तैयार कर सील करके पुलिस को सौंप दी. टीम को 3 रजिस्टर भी मिले, जिसमें मरीज का रिकॉर्ड लिखा हुआ था और मरीज का नाम योगिता भी लिखा हुआ था.