हरियाणा

प्रॉपर्टी आईडी में 80 फीसदी लोगों के नाम गलत

Admin Delhi 1
13 Jun 2023 6:51 AM GMT
प्रॉपर्टी आईडी में 80 फीसदी लोगों के नाम गलत
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रेवाड़ी न्यूज़: प्रॉपर्टी आईडी में 80 फीसदी लोगों के नाम और उनके मकान के साइज में गड़बड़ी मिली है. शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए गए शिविर में इसका पता चला. 700 प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने के लिए आवेदन किए गए, इनमें से करीब 560 में नाम और क्षेत्रफल गलत होने की शिकायत थी. अन्य में मोबाइल नंबर, मकान नंबर, पता, दिशा आदि खामियां मिलीं.

नगर निगम प्रशासन ने प्रॉपर्टी आइडी की खामियों को ठीक करने के लिए 25 शिविर लगाए. शिविर में प्रॉपर्टी आईडी की खामियां दूर करने के अलावा नई प्रॉपर्टी आईडी बनवाई जा रही है. एनएच-पांच के बारात घर में लगे शिविर में नेट समस्या बनी रही. यहां कुछ घंटों इंतजार के बाद वापस लौट गए. कुछ लोगों ने इंतजार किया और आवेदन कराने में सफल रहे. इन्हें प्रॉपर्टी आईडी ठीक होने का भरोसा दिया गया. एनएच-पांच निवासी दिनेश ने बताया कि वह एक महीने से चक्कर लगा रहा है. प्रॉपर्टी में किसी और का नाम चढ़ाया हुआ है. रिहायशी मकान को कमर्शियल दिखा रखा है. अब यहां नेट नहीं चल रहा है.

बल्लभगढ़ के सेक्टर-3 स्थित सामुदायिक भवन में क्षेत्रीय एवं कर अधिकारी अनिल रखेजा और कर्मचारियों ने प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त करने के आवेदन लिए. यहां प्रॉपर्टी आईडी ठीक कराने के लिए अधिक संख्या में बुजुर्ग और महिलाएं पहुंची थीं. इनमें ज्यादातर की प्रॉपर्टी का साइज और नाम गलत दिखाए गए. काफी लोगों के मोबाइल नंबर भी नहीं थे. कुछ की प्रॉपर्टी आईडी में मकान किसी के नाम है.

आईडी में खामियों से लोग परेशान नगर निगम ने बीते वर्ष एक निजी कंपनी से 5.71 लाख प्रॉपर्टी आइडी बनवाई थी. इनमें अधिकांश प्रॉपर्टी आइडी में गलतियों की भरमार है. इसके चलते लोग परेशान हैं. किसी का गलत फोटो अपलोड किया गया है तो किसी का नाम गलत है. कुछ संपत्तियों का मालिक किसी और को बना दिया गया है.

आईडी में जो भी गलतियां हैं उन्हें ठीक करवाने के लिए शिविर लगाए गए हैं. लोग इसे ठीक करवा सकते हैं. परेशानी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

-पदम, क्षेत्रीय कर अधिकारी, नगर निगम

प्रॉपर्टी आईडी में मेरा नाम गलत है. इसके अलावा मकान 36 वर्गगज है उसे 50 गज का दिखा रखा है. छह महीने से कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

-जितेंद्र, एनएच-पांच डी ब्लॉक

सुबह से इंतजार कर रहा हूं, लेकिन यहां नेट नहीं चल रहा है. कागज तो दे दिए हैं, लेकिन कोई कुछ करने को तैयार नहीं है.

-रूपक सिसोदिया, फलबाग

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