हिसार: एक नवंबर से बीएस-3 और बीएस-4 बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी. ऐसे में फरीदाबाद डिपो से हरियाणा रोडवेज की करीब 75 बसें दिल्ली नहीं जाएंगी. इससे हरिद्वार, चंडीगढ़, पानीपत, रोहतक, हिसार और फतेहाबाद जैसे रूट प्रभावित होने की आशंका है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के साथ एनसीआर और छह प्रदेशों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. एक नवंबर से दिल्ली में केवल बीएस-6 बसें ही प्रवेश कर सकेंगी. इस निर्णय से एक नवंबर के बाद फरीदाबाद डिपो की करीब 75 रोडवेज बस दिल्ली जाने के बजाए अन्य रूटों पर चलेंगी. फिलहाल फरीदाबाद डिपो में हरियाणा रोडवेज में कुल 133 बसें हैं. इनमें से 58 बसें ही बीएस-6 हैं, जबकि 31 बीएस-3 और 44 बसें बीएस-4 हैं. इस निर्णय के मुताबिक 30 जून 2026 तक दिल्ली एनसीआर में सभी डीजल बसों पर
प्रतिबंध लगेगा. दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें ही चलेंगी.
बढ़ जाएगी परेशानी एक नवंबर के बाद बीएस-3 और बीएस-4 बसों के चलने की स्थिति में दिल्ली जाने वाले एवं वहां से गुजरने वाली बसों के यात्रियों को हरियाणा रोडवेज की बसें बॉर्डर पर ही छोड़ देंगी. मसलन आगरा से दिल्ली जाने वाली बसें बदरपुर बार्डर तक ही जाएंगी. दिल्ली में यात्रियों को अपने गंतव्य पर जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों या निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ेगा. दिल्ली से होकर गुजरने वाले बस में सफर करने वालों को अन्य वाहनों का सहारा लेना पड़ सकता है.
133 में से सिर्फ 58 बसें ही बीएस-6 की हैं
हरियाणा रोडवेज के बेड़े में करीब 133 बसें हैं. फरीदाबाद डिपो से दिल्ली सहित पूरे हरियाणा, पंजाब, यूपी, हिमाचल प्रदेश, उतराखंड, चंडीगढ़ में रोजाना करीब 55 चक्कर बसें चलती हैं. रोजाना करीब आठ हजार यात्री सफर करते हैं. फरीदाबाद डिपो में 58 बसें यूरो-6 की हैं. इन बसों के संचालन में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
फरीदाबाद डिपो में 56 फीसदी बसें यूरो-4 और यूरो-3 मॉडल इंजन की हैं. दिल्ली में यूरो-3 और यूरो-4 की 75 बसों की एंट्री एक नवंबर से बंद हो जाएगी. इन बसों को अन्य रूट पर चलाया जाएगा. दिल्ली वाले रूटों पर बीएस-6 बसें लेंगी.