हरियाणा

10 वर्ष में 509 केस, राजद्रोह के तहत बढ़ रहे केस

Admin2
13 May 2022 8:47 AM GMT
10 वर्ष में 509 केस, राजद्रोह के तहत बढ़ रहे केस
x
ज्यादातर केस ट्रायल के दौरान आगे नहीं बढ़ सके

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : इसके अलावा पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान झज्जर और सिरसा में भी देशद्रोह के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए जिन्हें प्रदेश सरकार वापस लेने के लिए कदम उठा चुकी है।वर्ष 2014 से 2019 के बीच 19 मामलों में आरोपपत्र दाखिल कर कुल 31 मामले दर्ज किए गए हैं।इनमें छह मामलों में सुनवाई पूरी हुई और सिर्फ एक व्यक्ति को ही दोषी ठहराया जा सका। ज्यादातर केस ट्रायल के दौरान आगे नहीं बढ़ सके।हरियाणा में पिछले 10 वर्षाें में 509 लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ, जिनमें सर्वाधिक मामले जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और डेरामुखी को साध्वियों के यौन शोषण व हत्या का दोषी ठहरानेसे भड़की हिंसा के बाद दर्ज किए गए।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की दुलारी हनीप्रीत से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रो. वीरेंद्र सिंह ने राजद्रोह (आइपीसी की धारा 124-ए) का दंश झेला है।राजद्रोह कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति व्यवस्था के खिलाफ कुछ लिखता है, बोलता है या फिर किसी अन्य सामग्री का इस्तेमाल करता है, जिससे देश को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है तो उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 124-ए के तहत केस दर्ज हो सकता है।फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में अकेले रोहतक में ही दर्जनों लोगों पर राजद्रोह सहित विभिन्न धाराओं में केस चल रहा है।

Next Story