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Haryana हरयाणा : हरियाणा में सोमवार को पराली जलाने के 36 मामले दर्ज किए गए, जो 31 अक्टूबर के बाद सबसे अधिक है, जब दिवाली के दिन 42 खेतों में आग लगाई गई थी। आंकड़ों के अनुसार, सिरसा जिले में अकेले पराली जलाने के 19 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद फतेहाबाद में आठ, जींद में छह और कुरुक्षेत्र, पंचकूला और पानीपत में एक-एक मामला दर्ज किया गया। इससे राज्य में 15 सितंबर से इस सीजन में कुल मामलों की संख्या 1,118 हो गई है।
इसके विपरीत, पिछले साल इसी अवधि के दौरान 2,052 मामले दर्ज किए गए थे, जो इस साल की तुलना में लगभग दोगुना है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पैमाने पर, देश के कुल 11 में से हरियाणा के पांच जिले ‘गंभीर’ श्रेणी में थे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शाम के बुलेटिन के अनुसार, गुरुग्राम (469), बहादुरगढ़ (453), धारूहेड़ा (447), सोनीपत (430) और भिवानी (429) 'गंभीर' श्रेणी में थे। फतेहाबाद (376), फरीदाबाद (367), कैथल (341), नारनौल (330), पलवल (321) और रोहतक (304) जैसे अन्य स्थानों में हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में थी। सीपीसीबी के अनुसार, उक्त श्रेणी में एक्यूआई स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों से पीड़ित लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जबकि 'बहुत खराब' हवा लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनती है।
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