मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के नए 16500 लाभार्थियों ने किया सीधा संवाद
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसी न किसी वर्ग के साथ सीधा संवाद करने की शृंखला में शनिवार को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के नए 16500 लाभार्थियों से संवाद किया। वृद्धजनों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि बुढ़ापा पेंशन बनवाने के लिए उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़े, यह सब परिवार पहचान पत्र के कारण संभव हो सका है। इसके अलावा, बजट घोषणा के अनुरूप पहली अप्रैल से मिलने वाली 2750 रुपये बुढ़ापा पेंशन के लिए भी वृद्धजनों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बुढ़ापा पेंशन वह पहली स्कीम है, जिसे सरकार ने परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और यह अत्यंत सफल प्रयोग रहा है।
उन्होंने कहा कि विगत छह माह के दौरान ऑटोमेटिकली लगभग 16,500 बुजुर्गों की पेंशन बनी है, जिनके साथ शनिवार को संवाद किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘प्रदेश के लगभग 72 लाख परिवार ही मेरा परिवार हैं, जिनके प्रत्येक सदस्य की चिंता राज्य सरकार कर रही है। सरकार पीपीपी के साथ सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं को जोड़ रही है ताकि पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही उनका लाभ मिले और कोई भी अपात्र व्यक्ति लाभ न ले पाए।’ अकेले रह रहे बुजुर्गों के कुशलक्षेम के लिए बनाई प्रहरी योजना: मनोहर लाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए प्रहरी योजना भी शुरू करने जा रहे हैं।
परिवार पहचान पत्र के डाटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के 2.25 लाख बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। प्रहरी योजना में इन बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए सरकारी कर्मचारी या वॉलंटीयर्स महीने में एक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने जाएंगे। यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, संपत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी। वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सरकार द्वारा अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल सेवा आश्रमों में की जाएगी। जो लाभार्थी 60 वर्ष की आयु के बाद समाज सेवा के लिए आगे आएं। सरकार ने समर्पण पोर्टल बनाया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति वॉलंटीयर के तौर पर स्वयं को पंजीकरण करवा सकता है। वसुधैव कुटुम्बकम हमारी संस्कृति है, इसलिए सभी को समाज की चिंता भी करनी चाहिए।’