हरियाणा

134-ए दाखिले की तारीख दोबारा बढ़ाई गई, जानिए कब तक होगा एडमिशन

Shantanu Roy
13 Nov 2021 11:25 AM GMT
134-ए दाखिले की तारीख दोबारा बढ़ाई गई, जानिए कब तक होगा एडमिशन
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हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में नियम 134ए (Free School Admission Rule 134A) के तहत गरीब बच्चों के दाखिला के लिए 24 नवंबर तक ऑनलाइन दाखिला आवेदन (134A Reschedule last Date) किए जा सकेंगे.

जनता से रिश्ता। हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में नियम 134ए (Free School Admission Rule 134A) के तहत गरीब बच्चों के दाखिला के लिए 24 नवंबर तक ऑनलाइन दाखिला आवेदन (134A Reschedule last Date) किए जा सकेंगे. इससे पहले 14 नवंबर तक ही दाखिला किए जाने के आदेश थे. दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने एजुकेशन बोर्ड से गरीब बच्चों के दाखिले के लिए आवेदन की डेट बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने एजुकेशन बोर्ड से मांग की थी कि अब तक काफी कम ही गरीब बच्चों ने आवेदन किया है. इसके बाद एजुकेशन बोर्ड ने उनके इस मांग को मान लिया है.

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (Board of School Education Haryana) ने नियम 134ए के तहत आनलाइन दाखिला आवेदन के लिए 24 नवंबर तक की मोहलत दी है. जबकि 5 दिसंबर को प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा. दाखिला का पहला ड्रा 13 दिसंबर को होगा. प्रथम ड्रा में शामिल बच्चों के 15 से 24 दिसंबर तक अलाट हुए प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन किए जाएंगे. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि प्रदेशभर के 7358 निजी स्कूलों में दो लाख चार हजार 154 सीटें गरीब बच्चों के लिए नियम 134ए के तहत भरी जानी हैं. अब तक पोर्टल पर दाखिला के लिए 33277 बच्चों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि अभी भी काफी निजी विद्यालयों ने शिक्षा निदेशालय को नियम 134ए के तहत रिक्त सीटों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. ऐसे निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द किए जाने संबंधी कार्रवाई तुरंत प्रभाव से की जाए, ताकि अन्य निजी स्कूलों को भी सबक मिले. उन्होंने मांग की है कि दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सभी शिक्षा अधिकारियों को भी जल्द से जल्द सभी निजी स्कूलों की खाली सीटों की वेरिफिकेशन संबंधी रिपोर्ट निदेशालय द्वारा तलब किए जाने की मांग की है, ताकि यह पता लग सके कि किन स्कूलों ने खाली सीटों की जानकारी को छिपाया है.


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