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गुजरात की ट्रांसलिंक एजेंसी करेगी एफडीआर की निगरानी

Shantanu Roy
7 Dec 2023 11:13 AM GMT
गुजरात की ट्रांसलिंक एजेंसी करेगी एफडीआर की निगरानी
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शिमला। हिमाचल में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की निगरानी गुजरात से होगी। पीडब्ल्यूडी ने फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक में गुजरात की ट्रांसलिंक को सलाहकार एजेंसी के तौर पर तैनात किया है। ट्रांसलिंक उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में एफडीआर के कार्यों की निगरानी कर रही है। भविष्य में पीडब्ल्यूडी में एफडीआर के सभी काम ट्रांसलिंक की सलाह पर पूरे होंगे। इतना ही नहीं , ट्रांसलिंक विभागीय कामों की निगरानी भी करेगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई में 660 किलोमीटर सडक़ को एफडीआर से बनाने का लक्ष्य हिमाचल को दिया है। बड़ी बात यह है कि प्रदेश में इस जर्मन तकनीक की जानकारी न तो ठेकेदारों को है।

न ही प्रदेश के इंजीनियर के पास निगरानी का कोई अनुभव है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी ने स्वतंत्र एजेंसी को सलाह और निगरानी के लिए तैनात करने का फैसला किया था। विभाग ने इस क्रम में गुजरात की ट्रांसलिंक को यह जिम्मा सौंप दिया है। एजेंसी उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में एफडीआर में इस्तेमाल की जा रही तकनीक की जानकारी भी संबंधित निर्माता कंपनी के साथ साझा करेगी। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत हिमाचल को मिले बड़े पैकेज में से 660 किलोमीटर सडक़ का निर्माण एफडीआर से होना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने छह राज्यों में पूरे पैकेज का बंटवारा कर दिया है। अब ट्रांसलिंक एजेंसी टेंडर प्रक्रिया के बाद सक्रिय होगी और प्रोजेक्ट की निगरानी का काम शुरू कर देगी। जर्मन तकनीक से प्रदेश की सडक़ें गुणवत्ता पूर्ण तरीके से बनेंगी।

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