भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटा है। इस बीच, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस मिशन से जुड़ी अहम जानकारी दी है। उन्होंने सोमवार को बतया कि इसरो जुलाई तक गगनयान क्रू मॉड्यूल मिशन के परीक्षण सहित कई अन्य गतिविधियों की तैयारी कर रहे हैं।
इस तैयारियों के बारे में बताते हुए एस सोमनाथ ने आगे कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एजेंसी (नासा) के साथ मिलकर सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन के लॉन्च के लिए भी काम कर रही है। उन्होंने इस मिशन के बारे में बताया कि NISAR (NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन) उन्नत रडार इमेजिंग का उपयोग करके भूमि की सतह में परिवर्तन के कारणों और परिणामों का वैश्विक माप करने के साथ दोनों संस्थानों का एक संयुक्त पृथ्वी-अवलोकन मिशन है।
इस दौरान उन्होंने इसरो द्वारा किए जाने वाले भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में भी बात की। सोमनाथ ने बताया कि इसरो अगला प्रक्षेपण 'इनसैट-3डी' का करेगी। यह एक जलवायु और मौसम अवलोकन उपग्रह है। इसे जीएसएलवी रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यही रॉकेट जीएसएलवी निसार को भी ले जाएगा। इसके अलावा आने वाले महीनों में हम पीएसएलवी के साथ-साथ जीएसएलवी एमकेIII का भी प्रक्षेपण करने जा रहे हैं।क्रू मॉड्यूल मिशन परीक्षण के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए व्हीकल को 14 किमी की ऊंचाई पर ले जाया जाएगा और वहां से हम एक समस्या पैदा करेंगे या व्हीकल को नष्ट करने की कोशिश करेंगे। इसमें देखा जाएगा कि आपात स्थिति में क्रू कैसे बच निकलता है। इसरो अध्यक्ष ने बताया कि हम इस टेस्टिंग के लिए नौसेना जैसे विभिन्न हितधारकों से बात कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने चेन्नई से लगभग 600 किमी दूर तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में एक लॉन्च पैड स्थापित करने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसरो लॉन्च पैड बनाने के लिए 2,000 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लगभग अंतिम चरण में है। ये लॉन्च पैड छोटे लॉन्च व्हीकल के लिए बनाया जाएगा। भविष्य में यहां से निजी रॉकेट लॉन्च किए जाएंगे।