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19 घंटों तक सेना और एनडीआरएफ ने चलाया था रेस्क्यू अभियान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जामनगर तालुका विकास अधिकारी एन ए सरवइया ने बताया कि बच्ची को बचाने के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाया था। जवानों ने रविवार सुबह 5.45 बजे बच्ची को निकाल लिया गया, लेकिन तब उसकी मौत हो चुकी थी।
गुजरात के जामनगर में दो साल की एक मासूम की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई। 20 फीट में फंसी मासूम को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमों ने 19 घंटे की कड़ी मेहनत की फिर भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका। पुलिस का कहना है कि मृतका आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती थी। शनिवार को मासूम अपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर काम करने आई थी। यहां खेलते-खेलते सुबह करीब 9.30 बजे खेत में बने 200 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी।
जामनगर तालुका विकास अधिकारी एन ए सरवइया ने बताया कि बच्ची को बचाने के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवानों ने रेस्क्यू अभियान चलाया था। जवानों ने रविवार सुबह 5.45 बजे बच्ची को निकाल लिया गया, लेकिन तब उसकी मौत हो चुकी थी। शनिवार सुबह 11 बजे प्रशासन के साथ फायर ब्रिगेड के जवानों ने रेस्क्यू शुरू किया, जिसके बाद वडोदरा से सेना और एनडीआरएफ भी अभियान में शामिल हो गई। रात भर ऑपरेशन किया गया। टीम का कहना है कि बोरवेल में पानी भर गया था, जिसे बाहर निकालना काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। बोरवेल के साथ-साथ एक और गड्ढा किया गया था।
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