सीईओ पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप, गुटबाजी से कर्मचारी त्रस्त
समितियों से वसूली
raipur news ऐसी भी चर्चा है कि सीईओ द्वारा समितियों से जमकर वसूली की जाती है। प्रत्येक समिति से 10 से 15 हजार की वसूली अपने चहेतों के माध्यम से करने की चर्चा है। जिले में 550 समितियां है, अगर वसूली की बात सच हुई तो इससे पता चलता है कितनी बड़ी रकम इस वसूली के जरिए एकत्र की गई होगी। इस बात की भी चर्चा है कि सीईओ मैडम को चढ़ावा दिए बिना बैंक से एक भी बिल पास नहीं होता। उनके मनमानियों के चलते बैंक में कर्मचारी गुटों में बंट गए हैं। जिससे आए दिन बैंक के कामकाज पर असर पड़ रहा है।
रायपुर (जसेरि)। जिला सहकारी बैंक की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ अनियमितता और मनमानी की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान दिग्गज मंत्रियों के संरक्षण मेें सीईओ पर दुर्ग जिला सहकारी बैंक में पदस्थ रहने के दौरान मोटी कमाई, ट्रांसफर-पोस्टिंग, समितियों से वसूली और फर्जी ऋण के माध्यम से करने का आरोप लगा था। जिसकी शिकायत पंजीयक सहकारी संस्थाएं से की गई हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समितियों से धन उगाही के साथ लोगों को कंबल, साड़ी व नगद बांटने की शिकायत निर्वाचन आयोग से की गई थी. शिकायतों के बाद उसका ट्रांसफर रायपुर जिला सहकारी बैंक में कर दिया गया। सीईओ अब वही रवैया यहां भी अपना रही हैं जिससे कर्मचारियों और खाताधारकों में असंतोष व्याप्त है। raipur
श्रीमती अपेक्षा व्यास वर्तमान में जिला सहकारी बैंक रायपुर में बतौर सीईओ पदस्थ है। यहाँ के सीओडी शाखा में भी साढ़े पांच करोड़ से अधिक का गबन बैंककर्मियों ने मिलकर किया है। बैंक को चूना लगाने वाले तीन कर्मियों पर सितम्बर 2023 में मामला दर्ज किया गया था, घोटाले में शामिल बाकी अन्य कर्मियों को ना तो सस्पेंड किया गया है ना ही पुलिस में अपराध दर्ज कराया गया है। वहीं कुछ कर्मचारी जो गबन की राशि लौटा चुके हैं या लौटा रहे हैं वे सेवा में बने हुए हैं। इनमें से कुछ को सस्पेंड कर दूसरे शाखाओं में अटैच किया गया है। ऐसे ही एक कर्मचारी को सदर बाजार शाखा में अटैच किया गया है लेकिन वह मुख्य शाखा में आज भी सेवा दे रहा है और उसे सीईओ का बेहद करीबी बताया जा रहा है। एक अन्य कर्मचारी को न्यू मंडी शाखा में अटैच किया गया है लेकिन वह भी अक्सर मुख्य शाखा में नजर आते हैं। कर्मचारियों का सीधा आरोप है कि सीईओ इन कर्मचारियों को पूरा संरक्षण दे रही हैं।
हालहि में आर्थिक अनियमितता का एक मामला उरकुरा शाखा में सामने आया जहां एक कर्मचारी के खाते में एक किसान का पैसा आ गया। उस महिला कर्मचारी ने इसकी जानकारी बैंक को देने के बजाय राशि का आहरण कर लिया। जब किसान को अपनी राशि नहीं मिली तो उसने इसका पता लगाया तब जाके राशि बैक कर्मचारी के खाते में अंतरित होने की बात सामने आई। मामला सामने आने के बाद उक्त महिला कर्मचारी ने राशि लौटाया। इस अनियमितता के बाद सीईओ ने उस महिला कर्मचारी का स्थानांतरण रायपुर के ही दूसरे शाखा में कर दिया। लेकिन चूंकि महिला कर्मचारी सीईओ की विश्वासपात्र थीं इसलिए उसके स्थानांतरण आदेश में कहीं भी आर्थिक अनियमितता में संलिप्त होने का उल्लेख नहीं किया गया है जबकि 2023 में वित्तीय अनियमितता के दौरान जांच में जो कर्मचारी दोषी नहीं पाए गए उन्हें भी आर्थिक अनियमितता में लिप्त बताकर उनका तबादला दूर-दराज में किया गया। बताया जा रहा है कि इनमें से एक कर्मचारी तो विकलांग है जिसे महासमुंद भेज दिया गया है।
ट्रांसफर-पोस्टिंग, नियुक्तियों से कमाई : पंजीयक को भेजे गए एक शिकायत में शिकायतकर्ता ने जिला सहकारी बैंक दुर्ग अंतर्गत बालोद, बेमेतरा और दुर्ग के बैंक शाखाओ में कनिष्ट सहायक लेखापाल और पर्यवेक्षको को प्रभारी शाखा प्रबंधक बनाने का भी आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि बेमेतरा जिला अंतर्गत सेवा सहकारी समिति मारो और गुंजेरा के तत्कालीन समिति प्रबंधक और कर्मियों को नियमो के विपरीत लेनदेन कर बहाल किया गया।
जिला सहकारी बैंक मारो और सहकारी समिति मारो में तत्कालीन समिति प्रबंधक श्यामसुंदर कश्यप, और लिपिक राजा वर्मा ने 42 लाख 12 हजार 126 रुपये का गबन किया, तो गुंजेरा समिति में 4447580 रुपये का घोटाला किया गया। जाँच में तत्कालीन शाखा प्रबंधक अवधराम खड़बंधे, लिपिक तरुण कुमार, राजा वर्मा और समिति प्रबंधक श्यामसुंदर कश्यप को सस्पेंड किया गया था पर किसी के खिलाफ भी अपराध दर्ज नहीं कराया गया और कथित तौर पर लेनदेन कर आरोपियों को बहाल कर दिया गया।