
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां के शासकीय प्राथमिक शाला डुगरा में शिक्षक नदारद हैं, जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चे खुद स्कूल का ताला खोलकर कक्षाओं में आ रहे हैं। उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं होता, जिससे उनकी पढ़ाई पूरी तरह ठप है।
विकासखंड गौरेला के संकुल केंद्र उमरखोही अंतर्गत यह प्राथमिक शाला पिछले कई दिनों से शिक्षक-विहीन है। अधिकारियों को भी इस स्थिति की जानकारी नहीं होने की बात सामने आई है, जिससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग गया है। स्कूल के बच्चों ने बताया कि वे प्रतिदिन सुबह स्कूल पहुंचते हैं और खुद ही ताला खोलकर अपनी कक्षाओं में बैठ जाते हैं। हालांकि, शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें बिना पढ़ाई किए ही वापस लौटना पड़ता है। इस स्थिति से अभिभावकों में गहरी नाराज़गी और चिंता है। प्राथमिक शाला डुगरा में लगभग 70 से 80 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है। जो एकमात्र शिक्षक पदस्थ थे, वे भी स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण स्कूल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शिक्षकों की पदस्थापना कर व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही) रजनीश तिवारी ने बताया कि शिक्षकों को बी.एल.ओ. (बूथ लेवल ऑफिसर) कार्य के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिले में शिक्षकों की कमी है, जिस वजह से स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं।





