रेत माफियाओं के हौसले बुलंद: महानदी से लगातार हो रहा अवैध खनन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद जिले के बीच से गुजरने वाली जीवनदायिनी महानदी इन दिनों प्रशासनिक उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है। रायपुर के आरंग और महासमुंद जिले के हिस्से में महानदी के दोनों तरफ बेदधडक़ अवैध खनन जारी है। बता दें, महासमुंद क्षेत्र में प्रशासन लगातार अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। लेकिन कुछ घाट में रेत माफिया बेलगाल होकर प्रशासन के नाक के नीचे से रेत की चुराकर ले जा रहे हैं। रायपुर और महासमुंद जिले के खनिज और प्रशासनिक अफसरों को इस मामले की पूरी जानकारी होने के बावजूद भी वह कुंभकरण की नींद सो रहे हैं। ऐसे में खनिज माफिया छत्तीसगढ़ की साय सरकार को हर महीने राजस्व में करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
इन घाटों में हो रहा अवैध खनन
जानकारी के अनुसार, आरंग और महासमुंद जिले से लगे कागदेही, हरदीडीह, कोलियारी, लखना, चिखली, मोहमेला, कुरूद, बडग़ांव, खड़सा, मोहकम, खमतराई सहित कई गांवों में अवैध खनन का खेल बेधडक़ चल रहा है। यही नहीं ये माफिया महानदी तट को काट कर मिट्टी से रैंप बनाने में उपयोग कर रहे हैं, जिससे महानदी लगातार अपना अस्तित्व खोते नजर आ रही है। बता दें, रेत माफिया रायपुर के आरंग क्षेत्र से लगे गांवों के घाटों के रास्ते इन क्षेत्रों में घुसकर अपनी स्वीकृत स्थल को छोडक़र न केवल आरंग के बल्कि महासमुंद क्षेत्रों से भी रेत का अंधाधुंध खनन कर रहे हैं और फिर रायपुर के रास्ते भाग निकलते हैं।
प्रशासन की कार्रवाई केवल खानापूर्ती के बराबर
सूत्रों के अनुसार, इसकी शिकायत कई बार अधिकरियों से की गई है। लेकिन खानापूर्ति करने कुछ चुनिंदा घाटों पर रायपुर खनिज विभाग के उडऩदस्ता टीम ने महासमुंद पुलिस के साथ खड़सा में दबिश देकर 3 चैन माउंटेन और 2 हाइवा जब्त किया था। ये सभी आरंग विधानसभा के हरदीडीह रेत घाट के रास्ते महानदी में उतर कर महासमुंद जिले के खड़सा से रेत उत्खनन करते पकड़ा गया था। रेत उत्खनन की लगातार शिकायत के बाद खनन करने वालों के खिलाफ आरंग को छोड़ महासमुंद, राजिम, गरियाबंद के स्ष्ठरू ने हाल ही में पंचायतों के सरपंच और सचिव को नोटिस जारी किया था। इसी तरह से ग्रामीणों के विरोध के बाद लखना गांव और रावण गांव से भी 4 चैन माउंटेन व 2 हाइवा को जब्त किया गया।
पर्यावरण की स्वीकृति के खिलाफ खनन
इसके बावजूद भी आरंग के हिस्से में महानदी से लगे रेत घाटों पर सुबह से देर रात तक सैंकड़ों हाईवा बेखौफ महानदी में उतरकर अवैध रेत उत्खनन कर रहे हैं। आरंग और महासमुंद से लगे दर्जनों घाटों पर पर्यावरण की स्वीकृति नहीं है, लेकिन फिर भी इन घाटों पर रसूखदारों के द्वारा खुलेआम प्रशासन को चूना लगाते हुए अवैध खनन किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन आंख मूंदकर बैठी हुई है।
100 से 200 हाईवा रेत का रोजाना होता है अवैध खनन
सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर रेत घाट जिनके नाम है उनसे आपसी सहमति कर अन्य रसूखदार लोग दिन-रात रेत की चोरी कर करोड़ों का वारा-न्यारा करने में लगे हैं। आरंग क्षेत्र में प्रतिदिन एक-एक रेत घाट पर 100 से 200 हाईवा रेत लेकर निकल रहें हैं। अफसरों की मौन स्वीकृति से रेत चोरी करने वाले चांदी काट रहे हैं, तो वही छत्तीसगढ़ की साय सरकार को हर माह करोड़ों का चूना लगाया जा रहा हैं।
बारिश शुरू होने से पहले ही रेत डंप करने के लिए घाटों में अवैध खुदाई
बारिश शुरू होते ही जून के दूसरे हफ्ते से रेत घाट बंद हो जाएंगे। इसलिए जिले के आसपास के सभी रेत घाटों में अवैध खुदाई तेज हो गई है। रेत माफियाओं ने रेत घाटों में जेसीबी और डंपर उतार दिए हैं, जो िदन-रात जमकर खनन कर रहे हैं। एक-एक रेत घाट में पांच से सात मशीनें लगाकर खुदाई की जा रही है। इस रेत को आसपास ही डंप किया जा रहा है। रायपुर से लगे आरंग के कुछ रेत घाटों में रेत सिंडिकेट वाले सरकारी जमीनों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। वहां लाखों वर्गमीटर रेत अभी से स्टोर कर रखी गई है। आरंग में रेत खदानों पर खनिज विभाग का नियंत्रण नहीं रहा। पर्यावरण विभाग से एनओसी नहीं मिलने के बावजूद खदानों में रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण हो रहा है। आरंग क्षेत्र के उप तहसील समोदा में रेत माफिया रेत बेखौफ होकर रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। आरंग में ही रेत की 12 खदानें हैं।
रेत के अवैध भंडारण पर खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई, 320 हाइवा रेत जब्त, दो को नोटिस जारी
बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर खनिज अमला बिलासपुर ने ग्राम जोंधरा तहसील मस्तूरी में खनिज रेत के भंडारण का मौका जांच किया. जिसमें अशोक कर्ष निवासी अकलतरा के पास लगभग 120 हाईवा/1440 घन मीटर रेत भंडारित होना पाया गया. इसी तरह मेसर्स सुमन इंटरप्राइजेज के प्रो. जितेंद्र सिंह को स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में लगभग 200 हाईवा/2400 घन मीटर रेत भंडारित होना पाया गया.
खनिकर्म विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्रकरणों में मौके पर रेत भंडारण अनुज्ञप्ति संबंधी दस्तावेज और भंडारित रेत की वैधता प्रमाणित करने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया. जिसके बाद छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के नियम 71 खान और खनिज(विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा 21 छत्तीसगढ़ खनिज(खनन,परिवहन एवं भंडारण) नियम 2009 के तहत प्रकरण दर्ज कर भंडारित खनिज रेत को जब्त कर अवैध भंडारणकर्ता को 03 कार्य दिवस के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया गया.
बता दें कि भंडारण अनुज्ञा के नियम और शर्तों का पालन नहीं करने के कारण अब तक 07 अनुज्ञप्तिधारियों को कारण बताओं नोटिस(स्ष्टहृ ) जारी किया गया है. समाधानकारक जवाब प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में स्वीकृत खनिज रेत भंडारण अनुज्ञप्ति के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.