
रायपुर। जनता से रिश्ता के पाठक रोशन साहू ' मोखला ' राजनांदगांव ने ऑपरेशन सिन्दूर पर पंक्ति लिखा है,
अब न टूटेगी चूड़ियाँ, तुम छूना मत सिन्दूर।
रे ! कायर नापाक तू, अब रहना हम से दूर।।
सारी दुनिया जानती, अपनी हँसी उड़वाते हो।
निवाले खातिर जग में,भिखमंगा कहलाते हो।।
धर्म देख कभी न हमने, कर्म देख वार किया।
वसुधैव कुटुम्बकं मंत्र,जिस पर ऐतबार किया।।
जंग सोचना बाद में पहले,करले भूख को दूर।
नजर भरकर देख उधर,तेरी रियाया है मजबूर।।
इकहत्तर का इतिहास, तूने जंग में क्या खोया।
भारत के जवानों ने जब, कूट- कूटकर धोया।।
लाहौर कराची भी था, तब भारत की मुट्ठी में।
नब्बे हजार बच गए, रहमो करम की घुट्टी में।।
आई एस आई जैश लश्कर,हिजबुल बीते दिन।
आओ हाफ़िज़ अज़हर,अब ले तू जनाज़े गिन।।
आतंकी लाशों में जब,राष्ट्रध्वज में लिपटे देखे ।
लाज भी लजा गई तब,मातम में सेना को देखे।।
बहुत हो गया छोटा भाई,अब सुनेंगे न समझेंगे।
जंग की हिमाकत को अब,नादानी न समझेंगे।।
है भलाई तेरी इसमें,न सोया सिंह जगाओ तुम।
अपनी राह में हम खुश,राह अपनी जाओ तुम।।