भिलाई। दुर्ग जिले का पहला विद्युत शवदाह गृह भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में बनकर तैयार हो चुका है और आज से इसे प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए दो-तीन दिनों से टेस्टिंग की प्रक्रिया की जा रही थी, प्रयोग के लिए लकड़ी का उपयोग किया गया था। परंतु अब यह शव दाह के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। उल्लेखनीय है कि महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास ने विद्युत शवदाह गृह को लेकर कुछ महीने पूर्व ही इसका निरीक्षण किया था और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे।
जिसके चलते अब विद्युत शवदाह गृह प्रारंभ हो गया है। गौरतलब है कि विद्युत शवदाह गृह को प्रारंभ करने के पूर्व शेड सहित कमरा निर्माण, मशीन इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया पूरी की गई। विद्युत सप्लाई के लिए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं। विद्युत शवदाह में शवदाह की प्रक्रिया की बात करें तो 2 घंटे में यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी और अस्थि भी इस दौरान प्राप्त किया जा सकेगा। पूरा प्रोसेस अगर देखे तो 1:30 से 2 घंटे में शवदाह एवं अस्थि संग्रहण की प्रक्रिया पुर्ण हो जायेगी। पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह विद्युत शवदाह गृह बहुत उपयोगी है, लकड़ी और कंडे के अभाव में भी इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी तथा इसके प्रारंभ होने से लकड़ी और कंडे की बचत भी होगी। 1 दिन में यदि इसके शवदाह की प्रक्रिया को समझे तो 10 घंटे में 5 से 8 शवदाह हो पाएंगे। बारिश के दिनों में भी यह काफी कारगार साबित होगा, क्योंकि इन दिनों अधिकतर लकड़ी और कंडे के बारिश में भीगने की संभावना ज्यादा हो जाती है। विद्युत शवदाह गृह को चालू करने के लिए काफी दिनों से प्रक्रियाएं की जा रही थी और कुछ दिनों से इसकी टेस्टिंग प्रक्रिया भी की जा रही थी। आखिरकार टेस्टिंग प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आज विद्युत शवदाह गृह को प्रारंभ कर दिया गया है। सीनियर टेक्नीशियन धनेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत शवदाह के लिए 550 से 600 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। सर्वप्रथम डोर अप करके शव को इसमें रखा जाता है तथा तापमान को नियंत्रित कर प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। संपूर्ण प्रक्रिया होने के उपरांत अस्थि संग्रहण कर सकते हैं। अस्थि संग्रहण के लिए अलग से नीचे चेंबर तैयार किया गया है। बाहर तापमान का प्रभाव न पड़े इसके लिए ब्लास्ट फर्नेस ईट का भी उपयोग किया गया है। रामनगर मुक्तिधाम में निगम के कार्यरत कर्मचारी कृष्णा देशमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि आज बंगाली समाज के लोगो की मौजूदगी में मृतक स्वर्गीय राधा श्याम कर्माकर को विद्युत शव दाह के माध्यम से अंतिम संस्कार किया गया। विद्युत शवदाह गृह के निर्माण कार्य में लगभग 49 लाख रुपए खर्च हुए हैं, इसका संचालन एवं संधारण के लिए एजेंसी 2 साल तक काम करेगी तथा इसे मेंटेन रखेगी, इसके अलावा इससे संबंधित प्रशिक्षण भी कर्मचारियों को दिया जा चुका है। एक तरह से यह आधुनिक विद्युत शवदाह गृह है जो कि भिलाई में अपने तरह का पहला शवदाह गृह होगा। विद्युत शवदाह गृह में लकड़ी और कंडे में होने वाले खर्च की अपेक्षा पैसे की बचत होने की संभावना अधिक जताई जा रही है। कोरोना काल में शव की अधिक संख्या मुक्तिधाम में आने को देखते हुए रामनगर के मुक्तिधाम में इसको स्थापित करने की मंशा से इस पर कार्य किया गया था और आज पूर्ण रूप से यह बनकर तैयार है।