रायपुर। चुनावी आचार संहिता खत्म होते ही कई सेक्टर में बिजली का झटका लगने वाला है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रस्ताव व जनसुनवाई के बाद राज्य विद्युत नियामक आयोग अगले महीने नई दरें जारी कर सकता है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने 4,420 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय की जरूरत बताते हुए 20 प्रतिशत तक टैरिफ में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
वितरण कंपनी की हर साल लाइन लास, बिजली चोरी के बाद राजस्व को हो रहे नुकसान का आंकड़ा लगभग 3,000 करोड़ रुपये है। बिजली की नई दरों में घरेलू उपभोक्ताओं पर कम,वहीं व्यवसायिक उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार आने की संभावना है।
चुनावी साल की वजह से बीते वर्ष बिजली की नई दरें लागू नहीं की गई थीं, लेकिन इस बार नई दरें लागू करने की तैयारी है। इसका असर ज्यादातर उद्योग-व्यापार क्षेत्र में आ सकता है। उद्योगपतियों ने जनसुनवाई में अपना पक्ष रखा है। संगठनों की मांग है कि विभाग को पहले लाइन लास कम करने की रणनीति बनानी चाहिए, ताकि विद्युत दरें बढ़ाने की आवश्यकता ना पड़े। बिजली दरें बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने कहा, राज्य विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्त सुझावों के आधार पर जनसुनवाई हो चुकी है। बिजली की नई दरें अगले महीने जारी हो सकती है।