वनवासी कल्याण आश्रम का राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन समालखा में सम्पन्न
रायपुर raipur news। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन हरियाणा राज्य के समालखा में सम्पन्न हुआ। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वंय संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत पूरे दो दिन मौजूद रहें और शामिल कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया। डॉ. भागवत ने सभी कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर विपरीत परिस्थितियों में भी डटकर जनजातीय समुदाय के बीच जन कल्याण के काम करने का आह्नवान किया। उन्होंने लगभग 80 जनजातीय समुदायों के परम्परागत पूजा-पद्धतियों के पण्डालों में देश की विभिन्न जनजातियों द्वारा अपने रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के तरीकों के भी दर्शन किये। डॉ. भागवत ने इस अवसर पर कहा कि यह भारत की एक आत्मा का दर्शन करने जैसा है। विविधता के साथ एकत्व की यहीं अनुभूति हिन्दु धर्म संस्कृति को सभी के साथ जोड़ती है। डॉ. भागवत ने कहा कि आज के दौर में देश सांस्कृतिक संकट से गुजर रहा है और ऐसे आयोजन भारत की सांस्कृतिक पहचान और एकता को मजबूत बनाये रखने के लिए जरूरी हो गये है। cg news
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की ओर से शामिल हुए प्रांत संगठन मंत्री रामनाथ ने बस्तर में माओवाद के कारण जनजातीय समुदाय की परेशानियों और अवरूद्ध हुए विकास को मुख्य धारा में लाने के बारे में भी ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने बताया कि माओवाद की समस्या से बस्तर के जनजातीय लोगों को सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। मौलिक अधिकारों के हनन के साथ-साथ सरकारी विद्यालयों ओर आंगनबाड़ियों को तोड़ने से पढ़ाई-लिखाई की समस्या खड़ी हो रही है। अस्पतालों के भवनों को गिरा देने से ईलाज आदि में भी परेशानी होती है। रामनाथ में इन सबके बावजूद राज्य और केन्द्र सरकार के साथ मिलकर बस्तर के माओवाद प्रभावित गांवों में शासकीय योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहें प्रयासों की जानकारी भी दी। वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा चलाये जा रहें विद्यालयों और आश्रमों में स्थानीय बच्चों के साथ-साथ अन्य राज्यों के जनजातीय बच्चों की पढ़ाई कराये जाने और उन्हें स्वालम्बी बनाने के लिए दिए जा रहें प्रशिक्षणों की जानकारी भी श्री रामनाथ ने सम्मेलन में दी।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन में वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना से लेकर सात दशकों की यात्राओं का भव्य प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शन भी किया गया। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह और हरियाणा के प्रांत अध्यक्ष राम बाबू ने किया। इस सम्मेलन में रेखा नागर और डॉ. मदन सिंह बास्केल द्वारा लिखित ’रानी दुर्गावती’, डॉ. राजकिशोर हांसदा द्वारा लिखित संथाल जनजातीय की सृष्टि कथा, रामलाल सोनी द्वारा लिखित अपनों के अपने जगदेव राम और विवेकानंद द्वारा अंग्रेजी में लिखित ग्लोबल जेनोसाइड ऑफ इंडिजीनस पीपल्स नामक पुस्तकों सहित 13 पुस्तकों का विमोचन किया गया।सम्मेलन में मणीपुर, नागालैण्ड, अरूणांचल, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में निवासरत जनजातीय समुदायों की समस्यों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रचार-प्रसार, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न राज्यों से आए कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में कल्याण आश्रम के प्रकल्पों, उनकी गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी भी दी।