छत्तीसगढ़

मां-बेटे का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, याचिका खारिज

Nilmani Pal
28 Aug 2024 7:00 AM GMT
मां-बेटे का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, याचिका खारिज
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बिलासपुर Bilaspur। पति की मौत के बाद मां ने बेटे से गुजारा भत्ते के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी लगाई, जहां बेटे को हर माह 15 हजार रुपए गुजारा भता देने के आदेश दिया गया था, बेटे ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने बेटे की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि माता-पिता की वजह से ही उसने यह खूबसूरत दुनिया देखी है. वृद्धा मां को गुजारा भत्ते से वंचित करना कानून ही नहीं, नैतिकता के भी खिलाफ होगा.

chhattisgarh news दरअसल, जगदलपुर में रहने वाली सुनीला मंडल के पति एसपी मंडल राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के कर्मचारी थे. जो वर्ष 2007 में रिटायर हुए. एनएमडीसी की नीति के मुताबिक उन्हें 4 हजार रुपए पेंशन मिल रहा था. वर्ष 2017 में उनकी मौत हो गई. इसके बाद सुनीला मंडल को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. उनके दोनों बेटे उनकी देखभाल नहीं कर रहे थे. दो साल तक परेशान होने के बाद वर्ष 2019 में जगदलपुर के फैमिली कोर्ट में उन्होंने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत आवेदन लगाया, और बड़े बेटे संजय कुमार मंडल को गुजारा भत्ता देने के निर्देश देने की मांग की. chhattisgarh

दरअसल, जगदलपुर में रहने वाली सुनीला मंडल के पति एसपी मंडल राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के कर्मचारी थे. जो वर्ष 2007 में रिटायर हुए. एनएमडीसी की नीति के मुताबिक उन्हें 4 हजार रुपए पेंशन मिल रहा था. वर्ष 2017 में उनकी मौत हो गई. इसके बाद सुनीला मंडल को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. उनके दोनों बेटे उनकी देखभाल नहीं कर रहे थे. दो साल तक परेशान होने के बाद वर्ष 2019 में जगदलपुर के फैमिली कोर्ट में उन्होंने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत आवेदन लगाया, और बड़े बेटे संजय कुमार मंडल को गुजारा भत्ता देने के निर्देश देने की मांग की.

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