भिलाई। मरने के बाद जिंदा समाज की भलाई के लिए मां बेटे ने एक साथ देहदान की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की है। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के 1341 ईडब्ल्यूएस में रहने वाली डॉली रानी चटर्जी और उनके पुत्र अमिताभ चटर्जी ने सामाजिक संस्था प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी की काउंसलिंग के माध्यम से देहदान की वसीयत जारी की। शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज रायपुर के नाम देहदान की वसीयत जारी करते हुए उन्होंने बताया कि मरणोपरांत चिकित्सा अध्ययन के माध्यम से मानवता की भलाई के नेक उद्देश्य से उनके द्वारा देहदान किया गया है।
देहदान हेतु काउंसलिंग के दौरान आस पड़ोस के अनेक लोगों ने देहदान के विषय में पवन केसवानी से अनेक प्रश्न पूछे और जानकारियां ली। देहदान के इस पुनीत कार्य में गुरप्रीत सिंह सप्पल,कमल दुबे और राकेश साहू की विशेष सहभागिता रही। प्रनाम संस्था द्वारा विगत 15 सालों में करीब 1200 से अधिक लोगों को देहदान हेतु प्रेरित किया जा चूका है। उनमें से बड़ी संख्या में मरणोपरांत पार्थिव काया छत्तीसगढ़ के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अध्ययन एवं अध्यापन हेतु उपलब्ध करवाई जा चुकी है।